मिर्जापुर।
गुरुवार को अपना दल एस छानबे विधानसभा हलिया ब्लाक ग्राम सुखड़ा में वीर क्रांतिकारी बिरसा मुंडा जी के सहादत दिवस को बड़े हर्ष के साथ मनाई गई। कार्यवाहक जिलाध्यक्ष इं० राम लौटन बिदं के नेतृत्व में सहादत दिवस मनाई गई। इस दौरान वीर क्रांतिकारी बिरसा मुंडा जी के चित्र पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सहादत दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय महासचिव किसान मंच श्री बी०डी० गोड़ एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में फाउंडर मेंबर जयप्रकाश पटेल जी उपस्थित रहें। एवं कार्यक्रम के आयोजक छानबे विधायक माननीय राहुल प्रकाश कोल तथा संचालन लाल जी मोर्या ने किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि श्री गोड़ ने बताया कि वीर क्रांतिकारी बिरसा मुंडा जी के चरणों में कोटि कोटि नमन करते हुए आप सभी को बताना चाहता हूं कि आदिवासियों के महानायक बिरसा मुंडा जी का जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड के आदिवासी दम्पति सुगना और करमी के घर हुआ था। भारतीय इतिहास में बिरसा मुंडा जी एक ऐसे नायक थे, जिन्होंने भारत के झारखंड में अपने क्रांतिकारी चिंतन से उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में आदिवासी समाज की दशा और दिशा बदलकर नवीन सामाजिक और राजनीतिक युग का सूत्रपात किया। बिरसा मुंडा जी ने साहस की स्याही से पुरुषार्थ के पृष्ठों पर शौर्य की शब्दावली रची। उन्होंने हिन्दू धर्म और ईसाई धर्म का बारीकी से अध्ययन किया तथा इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि आदिवासी समाज मिशनरियों से तो भ्रमित है ही हिन्दू धर्म को भी ठीक से न तो समझ पा रहा है, न ग्रहण कर पा रहा है।
वीर क्रांतिकारी बिरसा मुंडा जी ने महसूस किया कि आचरण के धरातल पर आदिवासी समाज को संगठित करना आवश्यक समझा। तो उन्होंने ने आदिवासियों को स्वच्छता का संस्कार सिखाया। शिक्षा का महत्व समझाया। सहयोग और सरकार का रास्ता दिखाया। चूंकि उन्होंने सामाजिक और आर्थिक स्तर पर आदिवासियों में चेतना की चिंगारी सुलगा दी थी, अतः राजनीतिक स्तर पर इसे आग बनने में देर नहीं लगी। आदिवासी अपने राजनीतिक अधिकारों के प्रति सजग हुए।
बिरसा मुंडा सही मायने में पराक्रम और सामाजिक जागरण के धरातल पर तत्कालीन युग के एकलव्य और स्वामी विवेकानंद थे। बिरसा मुंडा की गणना महान देशभक्तों में की जाती है। ब्रिटिश हुकूमत ने इसे खतरे का संकेत समझकर बिरसा मुंडा को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया। वहां अंग्रेजों ने उन्हें धीमा जहर दिया था। जिस कारण वे 9 जून 1900 को शहीद हो गए।
विधायक श्री कोल ने बताया कि हम सबकी नेता पिछड़ों कमेरों वंचितों एवं समाजिक न्याय की बुलंद आवाज अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री दीदी अनुप्रिया पटेल जी के निर्देशानुसार हर जिले में बतौर मुख्य अतिथि नियुक्त किए गए हैं। जो की उनके नेतृत्व मे भगवान बिरसा मुंडा जी के सहादत दिवस को बड़े हर्ष के साथ मनाई जारही हैं।
उसी के क्रम में हम अपने जिले में ब्लाक हलिया ( सुख़ड़ा डाक बंगला ) में भगवान बिरसा मुंडा जी का सहादत दिवस बड़े हर्ष के साथ मना रहें हैं। साथ ही मंच पर बैठे मुख्य अतिथि श्री गौड़ जी का मैं तहे दिल से स्वागत अभिनंदन करता हूं। और इस कार्यक्रम में उपस्थित जनता जनार्दन का भी तहे दिल से स्वागत एवं अभिनंदन करता हूं आपको बताना चाहता हूं कि भगवान बिरसा मुंडा जी आर्थिक स्तर पर सुधार कि ताकि आदिवासी समाज को जमींदारों और जागीरदारों के आर्थिक शोषण से मुक्त किया जा सके।
बिरसा मुंडा ने जब सामाजिक स्तर पर आदिवासी समाज में चेतना पैदा कर दी तो आर्थिक स्तर पर सारे आदिवासी शोषण के विरुद्ध स्वयं ही संगठित होने लगे। बिरसा मुंडा के नेतृत्व की कमान संभाली। आदिवासियों ने ‘बेगारी प्रथा’ के विरुद्ध जबर्दस्त आंदोलन किया। परिणामस्वरूप जमींदारों और जागीरदारों के घरों तथा खेतों और वन की भूमि पर कार्य रूक गया था। और मुझे गर्व है कि मैं एक आदिवासी समाज से हूं। और आप लोगों का सेवा करने का मौका मिला है। भगवान बिरसा मुंडा अमर रहें।
कार्यक्रम के दौरान प्रदेश अध्यक्ष सहकारिता मंच रमेश पटेल, प्रदेश सचिव किसान मंच वंश बहादुर पटेल, जिला अध्यक्ष युवा मंच उदय पटेल, जिला अध्यक्ष आईटी मंच हेमंत बिंद, जिला अध्यक्ष सहकारिता मंच शालिराम पटेल, जिला उपाध्यक्ष गुलाब बहादुर पटेल, जिला महासचिव राजाराम पाल, विधानसभा अध्यक्ष तुलसीदास पाल, जोन अध्यक्ष रतेह जनार्दन कोल, अखिलेश बिंद, राजेश्वरी प्रसाद, विकास सोनकर, शंकर सिंह चौहान, जिला सहकारी बैंक डायरेक्टर मिर्जापुर सोनभद्र अरुणेश कुमार पटेल, इंद्रजीत सिंह, हरिशंकर, शशिकांत पटेल, हिन्छ लाल,चुन्नु कोल, अनिल चौरसिया, राजाराम पाल, गणेश विश्वकर्मा पूर्व प्रधान, विनोद गिरी, कुलदीप सिंह, शिवनारायण पटेल, उमाकांत यादव, हीरालाल विश्वकर्मा, राधेश्याम चौरसिया, स्वामी ओम प्रकाश, बसंत सिंह, श्रीमती कलावती देवी, राजेश कुमार मौर्य, गौरव पटेल, प्रवीण कुमार सिंह पटेल, विजय कुमार, रामपाल, संगम, सतीश अग्रहरि, नागेंद्र प्रसाद, हीरालाल कोल, जीवरी कोल, श्रीमती श्यामकली, सुखरजी, दूधनाथ कोल, राजेश्वर प्रसाद मौर्य, छोटेलाल कोल, पूर्व प्रधान मुंशी कोल आदि अनेक लोग उपस्थित रहें।