0 अब बालिकाएं पूरी तरह सुरक्षित: शक्ति त्रिपाठी
0 सीफार के सहयोग से आयोजित हुई मीडिया कार्यशाला
0 मंडल और जिले के अधिकारियों ने योजनाओ के बारे दी जानकारी
मिर्जापुर।
महिलाएं अब पूरी तरह सुरक्षित हैं। उनको अब पुरुषों के बराबर अवसर मिल रहे हैं। जरूरत है, उनकी प्रतिभा निखारने की। कुछ इन्ही उद्देश्यों के साथ मिशन शक्ति अभियान चलाया जा रहा है। यह कहना है उप निदेशक महिला कल्याण पुनीत टंडन का। उपनिदेशक महिला कल्याण बुधवार को नगर के एक होटल में मीडिया कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) की ओर से आयोजित मीडिया कार्यशाला को संबोधित करते हुए उप निदेशक ने बताया कि महिलाओं व बेटियों के लिए कई सरकारी योजनाएं चल रही हैं।
जिसमें एक महत्वपूर्ण योजना है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ इस योजना का मुख्य उद्देश्य है लिंगानुपात को बढ़ाना। मण्डल की स्थिति खराब थी लेकिन जब से विभाग स्तर से योजना का संचालन किया जा रहा है। तब से स्थिति में काफी हद तक सुधार आया है। बेटियों के नाम से ही घर का भी नाम रखा जा रहा है। गुड्डा गुड्डी योजना के तहत बेटियों के जन्म के बारे में जानकारी लिया जा रहा है। जिले में बस, व साइन बोर्ड के माध्यम से प्रचार-प्रसार करलोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा मीरजापुर जिले में 47 हजार महिलाओं, सोनभद्र में 27 हजार 135 महिलाओं व भदोही में 37797 हजार महिलाओं को पेंशन दिया जा रहा है। इस तरह मण्डल में कुल 1 लाख 12 हजार महिलाओं को पेंशन दिया जा रहा है।
महिला कल्याण अधिकारी मंजू यादव ने बताया कि जिले में विधिक सहायता, आवास की सुविधा के अलावा वन स्टाप सेंटर की मौजूद है। जिसके जरिये 800 महिलायें मीरजापुर, 308 सोनभद्र व 102 भदोही की महिलाओं को सहायता दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि महिला हिंसा के खिलाफ सरकार सख्त है और ऐसी हरकतें करने वालों के विरुद्ध बिना किसी मुरव्वत के कार्रवाई की जा रही है। हर थाने में महिला हेल्प डेस्क है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी शक्ति त्रिपाठी ने बताया कि कोविड के दौरान आनाथ बच्चों को 4 हजार प्रतिमाह दिये जा रहे है। जिनके माता पिता की मौत कोविड के दौरान हुई थी। शिक्षा के लिए 25 बच्चों को लैपटाप दिया गया व 2500 रूपये प्रतिमाह दिये जा रहे है। पी0एफ0 केयर्स चिल्ड्रेन योजना के तहत 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर भी विभाग द्वारा 10 लाख रूपये देने की भी व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री सुमंगला योजना के तहत पांच वर्ष से अठारह वर्ष की 16000 हजार बालिकाएं मीरजापुर में , 18000 हजार सोनभद्र व 10000 भदोही में पंजीकृत कर लाभान्वित किया जा रहा है।
बताया कि पद संभालते ही जिले के विकास खण्ड लालगंज का एक मामला आया जियके लिए नेपाल से पांच लड़के आये हुए थे लड़की की उम्र 11 वर्ष थी जिसको 02 लाख में खरीदा गया था उस पर विभाग ने कार्यवाही किया और बाल विवाह को सफलता पूर्वक रोका। राज्य सलाहकार बाल संरक्षण निदेशालय महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग प्रीतेश कुमार तिवारी ने मिशन शक्ति की गतिविधियों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा की महिलाओं को बराबर का सम्मान देकर ही हम उन्हें स्वावलंबी बना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि बेटी बचाना जरूरी है। हालांकि लोगों की मानसिकता में परिवर्तन आया है। घरेलू हिंसा या दहेज के मामले में प्रताड़ित महिलाएं 181, 1090, 1098, 112 सहायता नंबर पर एवं सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लें। महिलाओं एवं बालिकाओं की रक्षा सुरक्षा के लिए बनाये गये अधिनियमों कानूनों का बृहद स्तर पर प्रचार.प्रसार किया जाना चाहिए। कार्यशाला के शुरू में सीफार के जिला प्रतिनिधि विकास तिवारी ने लघु फिल्म प्रस्तुत की। वहीं सीफार की राज्य प्रतिनिधि सोनम राठौर ने संस्था के कार्य और आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी शक्ति त्रिपाठी, महिला कल्याण अधिकारी मंजू यादव समेत तमाम अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन जनसत्ता ब्यूरो राजेन्द्र तिवारी ने किया।