भदोही

डायग्नोस्टिक सेन्टरों के प्रबन्धक एक सप्ताह के भीतर कराये पोर्टल पर ऑनलाईन, नही तो निरस्त होगें लाईसेंस: जिलाधिकारी

0 पी0सी0पी0एन0डी0टी0 अधिनियम 1994 जिला सलाहकार समिति की बैठक-जिलाधिकारी

भदोही। 

पी0सी0पी0एन0डी0टी0 अधिनियम 1994 जिला सलाहकार समिति की बैठक कलेक्टेªट में जिलाधिकारी आर्यका अखौरी की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। जिसमें समिति के सदस्यों ने प्रतिभाग किया। बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी ने अवगत कराया कि डॉ0 अभय मेमोरियल हास्पिटल गोपीगंज एवं शाक्षी डायग्नोस्टिक सेन्टर कोईरौना को उप जिलाधिकारी से मिलकर परिवार दाखिल कराने का निर्देश जिलाधिकारी ने दी। जिलाधिकारी ने डायग्नोस्टिक सेन्टरों के प्रबन्धकों को सख्त निर्देश दी है कि जो भी प्रबन्धक अपना डायग्नोस्टिक सेण्टर पोर्टल पर ऑनलाइन नही किए है वे एक सप्ताह के अन्दर पोर्टल पर ऑनलाईन नही करते है तो उनके लाइसेंस को निरस्त कर अवगत कराने का निर्देश मुख्य चिकित्साधिकारी को दी।

इस अवसर पर जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने कहा सलाहकार समिति की बैठक बहुत महत्वपूर्ण है, लिंग भेद भाव क्यों होता है, जनपद में एक हजार पुरूषों के सापेक्ष कम महिलाये है, जो गम्भीर विषय है। गर्भास्थ शिशु लड़की होने पर गर्भ समापन कराना एक सामाजिक अपराध है, जो कि बिगाड़ रहे सामाजिक संतुलन का प्रमुख कारण है। बेटा-बेटी का सम्मान करे, बेटी के वेदना को समझे, लड़की को पराया धन न समझे, अच्छी शिक्षा दिलाये। लड़की के जन्म होने पर उत्सव मनाया जाय, लड़कियो का पंजीकरण अवश्य कराये, हम सुधरेगे तो देश समाज सुधरेगा, पी0स0पी0एन0डी0टी अधिनियिम 1994 के तहत कोई भी महिला स्वयं, गर्भवती महिला का पति/रिश्तेदार/जानकार/स्वास्थ्य कार्यकर्ता अल्ट्रासाउण्ड या अन्य किसी तकनीक की मदद से गर्भ में पल रहे शिशु के लिंग की जॉच कराता है तो ये संज्ञेय एवं गैर जमानती अपराध है।

इस कानून के तहत गर्भस्थ शिशु के लिंग की जॉच करने वाले चिकित्सक/कर्मी/व्यक्ति तथा कराने वाले व्यक्ति को जेल एवं जुर्माना दोनो प्रकार के दण्ड से दण्डित किया जा सकता है। कहीं पर गर्भस्थ शिशु के लिंग की जॉच किये जाने की जानकारी मिलने पर उसकी शिकायत जनपद समुचित प्राधिकारी (जिलाधिकारी) से करें। आइये हाथ बढ़ाये, लड़कियो एवं महिलाओ के प्रति अपने दायित्वो का निर्वहन करे। जिलाधिकारी ने अल्ट्रासाउण्ड संचालको को निर्देश दिया कि पी0सी0पी0एन0डी0टी अधिनियम को कड़ाई से अनुपालन करे, लिंग का कत्तई परीक्षण न करे, रजिस्टर को मेन्टिनेंस रखे, फार्म एफ0बी0 अवश्य भरे, इसकी रिपोर्ट भी माहवार उपलब्ध कराये। कानून का उल्लघन कत्तई न करे, बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि जो भी सेन्टर मानक पुरा करते है, उनका गहन जॉच करने के उपरान्त ही नवीनीकरण कराये, जो भी अल्ट्रासाउण्ड सेन्टर मानक पूर्ण नही करता है तो कत्तई नवीनीकरण न कराये।

यह भी कहे कि अल्ट्रासाउण्ड संचालको के यहॉ सेवायोजित चिकित्सको की सेलरी बैंक एवं उपस्थिति कापी अवश्य उपलब्ध कराये। सेन्टरों का आकस्मिक निरीक्षण कर रिपोर्ट भी उपलब्ध कराये। लिंग जॉच से सम्बन्धित कही से किसी प्रकार की शिकायत/शिथिलता/लापरवाही बरती गई तो सम्बन्धित संचालक के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी भानु प्रताप सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 सतोष कुमार चक, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 अमित दूबे, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र नारायण सिंह, एवं समस्त अधीक्षक, प्रभारी चिकित्साधिकारी, जिला सलाहकार समिति के सदस्य एवं सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

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