मिर्जापुर।
भारत में डेनमार्क के राजदूत महामहिम फ्रेडी सवाने ने आज उत्तर प्रदेश के सबसे अधिक पानी की कमी वाले जिलों में से एक, मिर्जापुर जिले के सादी बनकट गांव का दौरा किया और ग्रामीण समुदाय के साथ बातचीत की। उन्होंने जल जीवन मिशन के लिए जल सुरक्षा और सिस्टम स्थिरता के महत्व पर समुदाय को प्रोत्साहित किया।
बैठक में ग्राम पंचायत की ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (वी0डब्लू0एस0सी0) सहित गांव के 200 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया। संवाद के दौरान डिविजनल मण्डलायुक्त योगेश्वर राम मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी श्रीलक्ष्मी वीएस, अपर जिलाअधिकारी नमामि गंगे अमरेन्द्र कुमार वर्मा, परियोजना अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी अरविन्द कुमार, अधिशाषी अभियन्ता जल निगम संदीप कुमार जिले के वरिष्ठ अधिकारी और सादी बनकट और पड़ोसी गांव भोरसर के सरपंच भी मौजूद थे।
इस अवसर पर मण्डलायुक्त एवं मुख्य विकास अधिकारी द्वारा पुष्प गुच्छ एवं मां विन्ध्यवासिनी देवी का चित्र भेंटकर स्वागत किया गया। मण्डलायुक्त ने अपने सम्बोधन में जल जीवन मिशन में डेनिक गर्वमेंट के किये गये सहयोग के प्रति आभार भी व्यक्त किया। उन्होने कहा कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत बेहतर काम किया जा रहा हैं। इससे ग्रामीणो को काफी लाभ हैं। उन्होने कहा कि हमारे ग्रामीण व महिलाये जल जीवन मिशन के साथ उत्सुकता के साथ जुड़े हैं। हम सब का भी प्रयास है कि हर घर तक शुद्ध जल पहुॅचें। अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे के द्वारा जल जीवन मिशन के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी।
जल जीवन मिशन (जे0एम0) का लक्ष्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कार्यात्मक घरेलू नलः फलेक्शन प्रदान करना है। डेनमार्क के साथ साझेदारी के तहत परियोजना सेवाओं के लिएसंयुक्त राष्ट्र कार्यालय (यू0एन0ओ0पी0एस0 ) उत्तर प्रदेश में केंद्र के प्रमुख जल जीवन मिशन का समर्थन करता है। साझेदारी का उद्देश्य मिशन को रणनीतिक तकनीकी सहायता प्रदान करना है। प्रदेश के वित्र्य, प्रयागराज और क्षेत्रों के पानी की कमी वाले द्यद्य जिलों के 137 गांवों में सामुदायिक जुटाव, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के लिए अपने संसाधन जुटाए है.. ताकि हर घर को एक समय में नल का पानी पजेशन प्रदान करने के मिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने में समयबद्ध ढंग तरीके से मदद मिल सके।
उत्तर प्रदेश भारत में सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है, जहां 23 करोड लोग इसके निवासियों के रूप में रहते हैं। इस पहल का उद्देश्य मॉडल श्रन्ड गांवों का निर्माण करना है. जो योजना प्रक्रिया में सक्रिय सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करते हैं, जिससे ग्राम कार्य योजना (Village action plans & VAPS) तैयार होती है।
बातचीत के दौरान, एक समुदाय के प्रतिनिधि ने गांव के लिए ग्राम कार्य योजना प्रस्तुत की और गांव में UNOPS द्वारा हस्तक्षेप की व्याख्या की, जबपि महिलाओं ने गणमान्य व्यक्ति के सामने अपने पानी की गुणवत्ता परीक्षण कौशल का प्रदर्शन किया। किए जा रहे प्रगति के निरीक्षण के लिए राजदूत ने ओवर हेड टैंक के निर्माण स्थल का भी दौरा किया।
भारत सरकार ने प्रत्येक ग्रामीण घर में संचालित घरेलू नल कनेक्शन (एफ0एच0टी0एस0) के माध्यम से निरंतर आधार पर और पर्याप्त मात्रा में और निर्धारित गुणवत्ता में पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 2019 में जन जीवन मिशन (जे0जे0एम0) शुरू किया।जे0जे0एम0 के कार्यान्वयन से 19 करोड परिवारों को लाभ होने की उम्मीद है, जिसमें भारत की लगभग 90 करोड़ आबादी शामिल है। यह परियोजना विश्व स्तर पर एस0डी0जी0-6 की उपलब्धि के योगदान करने में मदद करोगा जिसके परिणाम स्वरूप सीखने का और करने हेतु दुनिया भर में प्रभाव पड़ने की संभावना है। मिशन के ढांचे में उचित सेवा शुल्क लगाने की परिकलाना की गई है। समुदायों के पास परियोजना का स्वामित्व और संचालन होगा और ग्राम स्तर पर जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियोजन अभ्यास में भी लगे रहेंगे। इस ढांचे के भीतर सामुदायिक समूहों, विशेषकर महिलाओं को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की परिकल्पना की गई है।
सामुदायिक स्तर पर जल सोतों और सेवाओं के सतत प्रबंधन के लिए जमीनी स्तर की महिलाओं और उनके संगठनों के सशक्तिकरण को एक आवश्यक पूर्व शर्त के रूप में देखा जाता है। जल जीवन मिशन के अगस्त 2019 में शुरू होने के बाद से अब तक 6 करोड़ से अधिक नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। अब तक देश में कुल 9.57 करोड़ घरों में नल के माध्यम से पानी उपलब्ध है। राजदूत महामहिम श्री फ्रेडी सवाने के द्वारा जल जीवन मिशन के अन्तर्गत निर्माणाधीन टंकियो व अन्य कार्यो का निरीक्षण किया गया तथा उनके द्वारा वृक्षारोपण भी किया गया।