मिर्जापुर।
बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल को लेकर जिले में 03 अगस्त 2022 से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के विटामिन ए के सम्पूर्ण कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है । नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र संगमोहाल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता बच्चे को विटामिन ए की खुराक देकर इस विशेष माह की शुरुआत करेंगे ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि विटामिन ए की खुराक जिले में 03 अगस्त 2022 से 31 अगस्त तक बच्चों को दी जाएगी। अभियान में नौ माह से पाँच वर्ष तक के तीन लाख से अधिक बच्चों को विटामिन ए की खुराक दिये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही जिले की 2000 आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं समेत 534 एएनएम को भी इस कार्यक्रम घर घर जाकर जागरूक करने के लिए लगाया गया है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉक्टर अनिल कुमार ओझा ने बताया कि यह अभियान स्वास्थ्य विभाग एवं बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार के सहयोग से जिले में 03 अगस्त 2022 से 31 अगस्त तक बाल स्वास्थ्य पोषण माह के रूप में चलाया जायेगा। इसके लिए जिले के 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रोंए 53 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों समेत 326 स्वास्थ्य उप केन्द्रों पर भी तैयारियां की गई हैं।
बाल स्वास्थ्य पोषण माह के दौरान मण्डलीय चिकित्सालय समेत स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा। इस दौरान आने वाले नौ माह से पाँच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाने का कार्य किया जायेगा। केन्द्र पर आने वाले बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जायेगा। इसके अतिरिक्त जो बच्चे कुपोषित पाये जाएंगे उन्हें मण्डलीय चिकित्सालय स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र पर उपचार के लिए भेजा जाएगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के विटामिन ए के सम्पूर्ण कार्यक्रम के दौरान बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग विटामिन ए की खुराक को शत प्रतिशत लक्ष्य पूर्ति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा द्य इसके अलावा रोगों की रोकथाम करते हुए स्तनपान एवं ऊपरी आहार को बढ़ावा देने के साथ ही कुपोषण से बचाव के लिए लोगों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा जागरूक करने का काम किया जायेगा।
टीकाकरण परामर्शदाता मायाशंकर का कहना है कि विटामिन ए की खुराक एक घुलनशील विटामिन है जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। ऐसे में नौ माह से पाँच वर्ष तक के बच्चों को एक वर्ष में दो बार खुराक विभागीय स्तर से अभियान चलाकर दिया जाता है। इस खुराक को पीने से बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और बच्चा स्वस्थ रहता है।