स्वास्थ्य

टेढे मेढ़े पंजों से बच्चों का बचपन सुधारने में लगा विभाग, आज 14 बच्चेे और पिछले वर्ष 65 बच्चें हुए लाभान्वित

  • मिर्जापुर।

03.08.2022 क्लबफुट के माध्यम से बुधवार को मण्डलीय चिकित्सालय में पांच टेढे मेढें पंचो वाले बच्चों का प्लास्टर किया गया है। इस आशय की मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद ने दी।

मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि बच्चे का पैर जन्म से ही यदि टेढ़े मेढ़े होने पर इलाज के लिए कही दूर नहीं जाना हैं पिछले दो वर्षो से उनका उपचार राष्ट्रीय बाल किशोर कार्यक्रम के तहत मण्डलीय चिकित्सालय में प्रत्येक बुधवार को किया जा रहा है।

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अब ऐसे बच्चों का जीवन कष्टमय न होकर हमेशा सुखमय रहेगा। 2020-2021 में 65 बच्चों का उपचार प्लास्टर के जरिये किया जा चुका है। वे अब आम बच्चों की तरह दौड़ व चल रहे है। इस वर्ष भी अभी तक अप्रैल माह से 03 अगस्त 2022 तक 14 बच्चों को लाभ दिया गया है। जिनका उपचार फैजाबाद से आये हुए डाक्टर आशीष श्रीवास्तव द्वारा किया जा रहा है।

राष्ट्रीय बाल किशोर कार्यक्रम के प्रबन्धक राकेश तिवारी का कहना है कि गर्भ में कुछ बच्चों का पैर टेढे मेढ़े हो जाते हैं। इस बीमारी को सामान्य बोलचाल में जन्मजात दोष और डाक्टरी भाषा में क्लब फुट कहा जाता है। ऐसे परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए आरबीएसके का सहयोग करने के लिए मिराकल फीट इण्डिया ने इस ओपीडी का संचालन कर रही है। मण्डलीय चिकित्सालय में शून्य से लेकर पांच साल तक के बच्चों की इलाज की सुविधा उपलब्ध है। यह सुविधा प्रत्येक लाभार्थी को बुधवार के दिन चिकित्सालय के कमरा नं0 09 में दिया जा रहा है। हर बुधवार को 9 से 12 बच्चों का सफल उपचार किया जा रहा है।

ईलाज का तरीका

मिराकल फीट इण्डिया के जिला समन्यवयक राहुल ने बताया कि ऐसे बच्चों के पंजे जिनके भीतर की ओर मुडे होते हैं। उनका मामूली आपरेशन किया जाता है। उनके प्लास्टर को सात दिनों के बाद बदल दिया जाता है। इस तरह चार से छह बार किया जाता है। उसके बाद बच्चों के पंजे का बेस बनाया जाता है। जिससे पंजे फिर से न मुड़े पांच वर्ष तक बच्चों को विशेष प्रकार जूता पहनाया जाता है। जिससे बच्चें आसानी से खेल कूद सकते हैं।

लाभार्थी बयानः.

ग्राम सारी पट्टी निवासी वेदयादव को एक बालक मार्च 2021 में पैदा हुआ जन्म से ही बच्चें का पैर टेढे मेढ़े होने के कारण उसको चलने में विभिन्न प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। मण्डलीय चिकित्सालय के डॉक्टर ने इसे इस प्रकार बच्चों के इलाज की सुविधा बताया और दिखाने को भी कहा फिर हमने बुधवार के दिन जुलाई माह में सुबह ही दिखाया बच्चें के पैर का चार से पांच बार प्लास्टर किया गया फिर विभाग से मिले जूते की सहायता से आज मेरा बच्चा आसानी से खेल कूद रहा है। इस तरह के उपचार जिले में उपलब्ध होने से बच्चों के जिन्दगी में अन्धेरा की जगह उजाला भरने का कार्य किया जा रहा है।

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