0 सीमेंट व ईट की गुणवत्ता मानक के अुनरूप न मिलने पर कडी नाराजगी
0 कार्यसंस्था को गुणवत्ता में सुधार लाने का निर्देश अन्यथा ब्लैकलिस्टेट करने की चेतावनी
मीरजापुर। जिलाधिकारी श्री प्रवीण कुमार लक्षकार ने सिविल लाइन स्थित भैरो प्रसाद जायसवाल ट््रस्ट की जमीन पर निर्माणाधीन 50 शैय्यायुक्त बहुखण्डीय चिकित्सालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय अपर जिलाधिकारी शिव प्रसाद शुक्त उपस्थित रहे। निरीक्षण के समय नेत्र चिकित्सा से सम्बन्धित रोगी आश्रय गृह तथा अस्पताल के मुख्य भवन का निरीक्षण किया गया। अस्पताल की लागत लगभग 17 करोड की प्रशासकीय स्वीकृति के सापेक्ष दो करोड रूपये की धनराशि कार्यदायी संस्था को मुख्य चिकित्साधिकारी के द्वारा अवमुक्त कीि गयी है। निरीक्षण के समय कार्यदायी संस्था के सुपरवाइजर एवं कान्ट््रेक्टर उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी के द्वारा अस्पताल के मुख्य भवन के निरीक्षण के दौरान बनाये गये बीम की गुणवत्ता मानक के अनुसार नहीं पाया गया। बीम में कई जगह पोल व टेडा पाया गया। बीम की फिनिशिंग सही नहीं पाई गई। दीवालों में की जा रही चिनाई के लिये प्रयुक्त की जा रही सीमेंव बालू की अनुपात मात्रा सही नहीं पाया गया। दीवालों में चिनाई में बालू की मात्रा अधिक पाई गयी। बाहर रखे ईट की गुणवत्ता को भी जिलाधिकारी द्वारा परखा गया ईट में पीलापन पाये जाने पर टेस्ट किया गया जिसकी गुणवत्ता खराब पाये जाने पर तत्काल ईट बदल कर गुणवत्तापूर्ण ईट प्रयोग करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि बीम को सही किया जाए आगे से निरीक्षण मे यदि गुणवत्ता खराब पाई जाती है तो कार्यदायी संस्था पर मुकदमा दर्ज कराते हुये ब्लैक लिस्टेट की कार्यवाई की जायेगी।
निरीक्षण के समय चिकित्सालय में ही रोगी आश्रय भवन का भी निरीक्षण किया गया, रोगीे स्थल में कुछ स्थानों पर सीमेन्ट व बालू की मात्रा मानक के अनुसार नहीं पाया गया, परन्तु कुछ स्थानों पर सतोषजनक पाया गया। कार्य की धीमी प्रगति पर जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुये राजमिस़़्त्री व मजदूरों की संख्या को बढाकर कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया गया। निरीक्षण के दौरान उपस्थित सुपरवाइजर के द्वारा बतया गया कि रोगी आश्रय भवन में भूतल पर एक हाल, एक किचेन व एक बाथरूम तथा इसी प्रकार प्रथम तल पर भी एक हाल, किचेन व वाथरूम का निर्माण कराया जा रहा है। जिलाधिकारी द्वारा गुणवत्ता खराब पाये जाने पर कडी नाराजगी व्यक्त करते हुये निर्दिेशित किया गया कि निर्माण में प्रयोग की जा रही सामग्री मानक व गुणवत्ता/अनुपात में ही प्रयोग किया जाए तथा कार्य में तेजी लाते हुये शीघ्र पूर्ण किया जाए अन्यथा कडी कार्यवाई की जाएगी।