मिर्जापुर।
परिवार नियोजन को लेकर प्रदेश सरकार व विभाग की ओर से कुछ न कुछ समय..समय पर अभियान चलाया जाता रहा है। दो बच्चों के जन्म के बीच अंतर रखने के लिए अंतरा इंजेक्शन लगवाने पर विभाग की ओर से 100 रूपये दिये जा रहे है । इस आशय की जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी ने एक बैठक के दौरान दी।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि नवविवाहिता के स्वास्थ्य के साथ ही बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य को लेकर यह जरूरी है कि शादी के दो वर्ष बीत जाने पर ही पहले बच्चे को जन्म दिया जाए। इसके लिए परिवार नियोजन को लेकर सबसे बढ़िया तरीका है कि महिलाएं अंतरा इंजेक्शन लगवाये। अंतरा इंजेक्शन के हर डोज पर विभाग की ओर से 100 रूपये महिला के खाते में सीधे भेज दिये जायेगे। एक महिला को एक वर्ष में चार डोज लेना होगा या जबतक वह दूसरा बच्चा नही चाहेगी तब तक वह तीन माह में एक यह डोज लेती रहेगी। इससे महिला दो से पांच साल तक का भी अन्तर रख सकेगी।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व नोडल अधिकारी बैजनाथ यादव ने बताया कि वर्ष 2020.21 में 3434 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन लगवाया है। इसके साथ ही अप्रैल 2022 से जुलाई 2022 तक 2313 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन लगवाने का काम किया है। अंतरा इंजेक्शन लगवाने की सुविधा महिला चिकित्सालयए 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रए 35 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र समेत 145 उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर भी यह सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा केन्द्र पर यदि गर्भवती महिला को आशा लायेगी तो उसको भी हर डोज 100 रूपये दिये जा रहे है। यह व्यवस्था विभाग द्वारा पिछले वर्ष से लागू है। गर्भवती महिला को इंजेक्शन का हर डोज एएनएम या स्टाफ नर्स ही लगाने का काम करेगी।
परिवार नियोजन विशेषज्ञ मनोज कुमार त्रिपाठी ने बताया कि एक बच्चे से दूसरे बच्चे के बीच से तीन साल का अन्तर रखने के लिए आठ डोज अत्यन्त आवश्यक है। जो महिलाएं गर्भनिरोधक की गोली नही खा पा रही है उनके लिए यह साधन सबसे उपयुक्त है। अंतरा इंजेक्शन के बंद करने के बाद महिलाएं 7 से 10 माह के बाद गर्भधारण कर सकती है।