बाढ की विभीषिका

जिलाधिकारी ने गंगा के बढ़ते जल स्तर के दृष्टिगत विभागीय अधिकारियो को सौपी जिम्मेदारी, हर स्तर पर सतर्कता बरतने का दिया निर्देश

मीरजापुर।

जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार द्वारा दिनांक 23.04.2022 को फ्लड स्टीयरिंग कमेटी की बैठक दिये गये निर्देशों एवं उ0प्र0 राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा निर्गत की गयी एस0ओ0पी0 के अनुसार बाढ़ प्रबन्धन हेतु विभिन्न विभागों का निम्नवत दायित्वों का निर्धारण किया जाता हैं। उन्होने कहा कि राजस्व विभाग, कार्यवाही उपजिलाधिकारी सदर/चुनार बाद चैकियों पर राजस्व विभाग द्वारा राजस्व एवं अन्य विभागों यथा पुलिस, ग्राम विकास अधिकारी, पंचायत सेक्रेटरी, चिकित्सा विभाग, पशु चिकित्सा विभाग, आंगनबाड़ी, सिंचाई विभाग एवं विद्युत विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए कर्मचारियों की तैनाती का संकलित ड्यूटी चार्ट तैयार करना, बाढ़ चैकी जहां भी स्थापित की जाये, उस स्थल पर साफ-सफाई, विद्युत प्रकाश की व्यवस्था एवं बाढ़ चैकी के नाम का बैनर लगा होना चाहिए, बाढ़ प्रबन्धन हेतु उपलब्ध उपकरणों की जांच कर ली जाये जिससे कि यह सुनिश्चित हो सके कि उपकरण चालू हालत में हैं, नाव प्रबन्धन हेतु नाव की जांच करा ली जाये तथा नाव एवं नाविक का सम्पूर्ण विवरण तैयार कर लिया जाये। उन्होने कहा कि कन्ट्रोल रूम की स्थापना तहसील स्तर पर इस प्रकार से की जाये कि कन्ट्रोल रूम मे तैनात कर्मचारियों के पास बाढ़ से सम्बन्धित सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध हो जिससे कि जरूरत पड़ने पर सूचनाओं का ससमय आदान-प्रदान हो सके। उन्होने बाढ़ प्रभावितों के मध्य ससमय राहत सामग्री का वितरण जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति मे सुनिश्चित किया जाये। बाढ़ राहत शरणालयों मे यह सुनिश्चित किया जाये कि पुरुष एवं महिलाओं के लिए अलग-अलग रहने की सभी जरूरी व्यवस्था की जाये। उन्होने विद्युत विभाग को निर्देशित करते हुये कहा कि अधिशासी अभियन्ता विद्युत प्रथम/नोडल अधिकारी विद्युत बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करना। बाढ़ से प्रभावित विद्युत व्यवस्था प्रणाली को समय से पुर्नस्थापित करना एवं बाढ़ के दौरान विद्युत उपकरणों की सुरक्षा। जिलाधिकारी ने जारी अपने आदेश में मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश देते हुये कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्/ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मे पर्याप्त मात्रा मे वांछित दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करना, बाढ़ के दौरान बढ़ती सर्पदंश की घटनाओं एवं संक्रामक रोगों के रोकथाम हेतु स्वास्थ्य केन्द्रों पर आवश्यक प्रतिरोधात्मक व्यवस्था एन्टी स्नेक वेनम की पर्याप्त मात्रा व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाय। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियन्ता मीरजापुर नहर प्रखण्ड / नोडल अधिकारी सिंचाई को निर्देश देते हुये कहा कि संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील तटबन्धों का चिन्हीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु किया जाने वाला कार्य ससमय पूर्ण कर लिया जाये, बाढ़ से बचाव हेतु सैण्ड बैग, बोल्डर्स एवं जीओ बैग की पर्याप्त मात्रा मे उपलब्धता सुनिश्चित कर लिया जाय, वर्षा अवधि मे बाढ़ क्षेत्र मे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की क्षेत्र में उपस्थिति सुनिश्चित किया जाये। उन्होने कहा कि तटबन्धों / बंधों के दरार आदि को रोकने हेतु समुचित उपाय कर लिया जाये जिससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों मे बाढ़ की रोकथाम हेतु सभी जरूरी उपाय किया जाये। बाढ़ के दौरान नदियों के जलस्तर के सम्बन्ध मे 02 घण्टे के अन्तराल पर सूचना सम्बन्धितों को उपलब्ध कराना, जनपद के बाहर अन्य क्षेत्रों से पानी छोड़ने की सूचना ससमय उपलब्ध कराना।
जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ता को निर्देशित करते हुये कहा कि लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खण्ड /नोडल लो0नि0वि0 संवदेनशील क्षेत्रों तक पहुंचने एवं सामग्री आपूर्ति हेतु वैकल्पिक मार्गों का चिन्हीकरण एवं सुदृढ़ीकरण, मार्ग में आयी दरारों एवं सड़कों का भराव, पानी के विकास की व्यवस्था, किनारों की मरम्मत, पुल, पुल के किनारों, तटों की अस्थायी मरम्मत, क्षतिग्रस्त रेलिंग पुलों की मरम्मत, तत्काल सम्पर्क हेतु क्षतिग्रस्त मार्ग का सुहृदीकरण सुनिश्चित किया जाये। जल निगम के अधिशासी अभियन्ता जल निगम, अभाव शाखा/ अधिशासी अभियन्ता नगरपालिका/ नगर पंचायत एवं जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के हैण्डपम्प तथा क्षतिग्रस्त प्लेटफार्म आदि की मरम्मत का कार्य, बाढ़ प्रभावित को शुद्ध जल आपूर्ति की व्यवस्था, हैण्डपम्पों का क्लोरिनेशन एवं राहत कैम्पों मे क्लोरिनेटेड जल की उपलब्धता सुनिश्चित करायेंगे। खाद्य एवं रसद विभाग जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि मिट्टी के तेल, डीजल इत्यादि का समुचित प्रबन्धन सुनिश्चित किया जाना एवं आकस्मिकता हेतु आवश्यक खाद्यान्न एवं उपभोक्ता वस्तुओं की व्यवस्था किया जाना। पंचायत राज विभाग/विकास विभाग जिला विकास अधिकारी/जिला पंचायत राज अधिकारी गांव के आंतरिक सम्पर्क मार्गों की मरम्मत का कार्य, ड्रेनेज सीवरेज से मलबे की निकासी का कार्य, आंतरिक जलापूर्ति की मरम्मत का कार्य एवं स्ट्रीट लाइट की मरम्मत का कार्य व पंचायत में मौजूद सभी सरकारी भवनों की मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य सुनिश्चित कर लें। जिला कृषि अधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि बाढ़ पूर्व बाढ़ को सहने वाले पौधों की रोपाई पर ग्रामीणों को जागरूक किया जाना, बाढ़ के उपरान्त फसलों की क्षति का आकलन कर लें। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी) को निर्देश देते हुये कहा कि बाढ़ के दौरान पशुओं के चारे की व्यवस्था, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु कैम्पों का चिन्हीकरण एवं बाढ़ पूर्व बाढ़ प्रभावित होने वाले ग्रामों में पशुओं का टीकाकरण किया जाना। उन्होने कहा कि उपरोक्त का अनुपालन का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें।

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