0 गांव से लेकर जनपद के लोग बेटी के हौसलों को कर रहे सलाम
मिर्जा़पुर।
जनपद के कोलना गांव की बेटी सुप्रिया सिंह शुक्रवार को नौसेना को सौंपी गई। इपकी स्वदेशी विमानवाहक जहाज आईएनएस विक्रांत में बतौर गैस्टेड अधिकारी (प्रथम श्रेणी) के पद पर तैनाती हुई है। आईएनएस विक्रांत का हिस्सा बनने पर गांव से लेकर जनपद के लोग बेटी के हौसलों को सलाम कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि नवोदय विद्यालय के अवकाश प्राप्त शिक्षक दुष्यंत सिंह की पुत्री सुप्रिया इसके पहले हिमांचल प्रदेश के सतलज जल विघुत परियोजना शिमला में कार्यरत थी। जहां लगभग दो माह सर्विस करने के बाद नौकरी को छोड़ दिया और इसी वर्ष 15 जून को कोच्चि शिपयार्ड में गैस्टेड अधिकारी (क्लास वन) के पद पर ज्वाइन किया।
सुप्रिया ने नवोदय विद्यालय मडियाहू जौनपुर से हाई स्कूल व इंटर की परीक्षा पास करने के उपरांत बीएचयू से एमबीए की परीक्षा पास किया। पिता दुष्यंत सिंह ने बताया कि वह शुरु से ही पढ़ाई में अव्वल रहती थी। उसकी बचपन से ही इस ओर जाने की इच्छा रही थी, जो आज उसका सपना साकार हो गया। कोचीन शिपयार्ड भारत में सबसे बड़ी जहाज निर्माण और रखरखाव सुविधाओं के लिए जानी जाती है।
छोटा पुत्र अविनाश सिंह भी मर्चेंट नेभी में अफसर के पद पर कार्यरत है। सुप्रिया ने पिछले वर्ष केरल में आयोजित आल इंडिया कोच्चि शिपयार्ड की परीक्षा में टॉप किया था। प्रथम श्रेणी की गैस्टेट अधिकारी सुप्रिया ने बताया कि भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत चालू होना भारत की आजादी के 75 साल के अमृतकाल के दौरान देश के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है और यह देश के आत्मविश्वास और कौशल का प्रतीक भी है।
हमें गर्व है कि आज हम भी इसमें शामिल हैं। यह स्वदेशी विमानवाहक पोत देश के तकनीकी कौशल एवं इंजीनियरिंग कौशल का प्रमाण है। विमानवाहक युद्धपोत बनाने में भारत की आत्मनिर्भरता की सक्षमता का प्रदर्शन, देश के रक्षा स्वदेशीकरण कार्यक्रमों और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को सुदृढ़ करेगा। आईएनएस विक्रांत के चालू होने के साथ, हमारा देश विश्व के उन विशिष्ट देशों के सूची में शामिल हो गया है जो स्वयं अपने लिए विमान वाहक बना सकते हैं और इस उत्कृष्ट इंजीनियरिंग का भागीदार बनना हमारे लिए बेहद खुशी की बात है।