0 दक्षिणी परिसर बीएचयू में हिंदी दिवस पर हुए विभिन्न कार्यक्रम
मिर्जापुर।
आज 14 सितंबर बुधवार को राजीव गांधी दक्षिणी परिसर के नवीन व्याख्यान संकुल के सभागार कक्ष में हिंदी दिवस मनाया गया। हिंदी दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य प्रभारी प्रोफेसर वी.के.मिश्र द्वारा मालवीय जी के मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर किया गया। आचार्य प्रभारी ने अपने उद्बोधन मे आज के संदर्भ में हिंदी भाषा की विशेष भूमिका एवं उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए हर क्षेत्र में इसके प्रयोग पर विशेष ध्यान देने हेतु सबको प्रेरित किया तथा इसके विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।
उन्होने कहाकि पहला हिन्दी दिवस 14 सितंबर सन् 1953 में मनाया गया था। इस दिन को मनाने के पीछे का मुख्य कारण हिन्दी भाषा को राष्ट्र भाषा के तौर पर बढ़ावा देना है। आधिकारिक तौर पर हिन्दी भाषा को दर्जा 14 सितंबर 1949 में हुई संविधान सभा में मिला था। हिन्दी दिवस पर हिन्दी के सभी साहित्यकार मिलकर इस दिन को अलग-अलग तरह से मनाते हैं। इसी के साथ हिन्दी दिवस स्कूलों एवं कालेजों में भी मनाया जाता है, ताकि छात्रों को हिन्दी भाषा के महत्व के बारे में समझाया जा सके।
उप मुख्य आरक्षाधिकारी डॉ मनोज मिश्रा ने सर्वप्रथम सभागार में उपस्थित सारे लोगों को हिन्दी दिवस की शुभकामनाएँ प्रेषित की तथा हिन्दी की उपयोगिता के बारे में बताया एवं सभी विषयों के साथ हिन्दी का उपयोग हर क्षेत्र में होने पर विशेष बल डाला ताकि समग्र विकास हो सके। इस अवसर पर छात्रों के लिए “आज के संदर्भ में छात्र जीवन मे हिंदी भाषा का महत्व” नामक विषय पर संभाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न विषयों के छात्रों एवं छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम की रूपरेखा छात्र सलाहकार डॉ आशीष लतारे द्वारा बनाई गई तथा बी कॉम विषय के छात्रों मुख्यतः प्रतीक खिलयानी, आशीष यादव तथा श्वेता कुमारी ने कार्यक्रम के आयोजन में विशेष योगदान दिया।
कार्यक्रम का संचालन अभिषेक आनंद एवं दिशा पाटिल ने किया। इस इस अवसर पर छात्रों द्वारा स्वरचित गीत एवं कविता का भी पाठ किया गया। निर्णायक मंडली में डॉ. आशीष लतारे, डॉ.कौस्तव चटर्जी एवं डॉ अभिनव सिंह ने अपना योगदान दिया। इस अवसर पर डॉ. रवीन्द्र प्रसाद, डॉ. विनीता सिंह, डॉ. आर.आर. मिश्रा एवं डॉ. गौतम प्रधान समेत अन्य शिक्षकगण, अधिकारीगण तथा छात्र-छात्राओं ने उपस्थित होकर इस कार्यक्रम को सफल बनाने का सराहनीय कार्य किया।