ज्ञान-विज्ञान

विश्व ओजोन परत संरक्षण दिवस पर ऑनलाइन आयोजित की गई कार्यशाला

मिर्जापुर।

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विज्ञान एवम प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित जिला विज्ञान क्लब मिर्ज़ापुर के तत्वाधान में 16 सितंबर विश्व ओजोन परत संरक्षड दिवस पर कार्यशाला आयोजित की गई।जिसमें 129 बाल वैज्ञानिक एवम शिक्षकों ने प्रतिभागिता की। विशेषज्ञ के रूप में सुशील कुमार पांडेय, यस के शुक्ल, एसी मिश्र, के के सिंह, मनीष कुमार रहे। इस दौरान ओजोन क्या है, ओजोन परत क्या है, इससे लाभ तथा इसे बचाने के उपाय पर जानकारी दी गयी।

जिला विज्ञान क्लब समन्यवक सुशील कुमार पांडेय ने कहा कि इस वर्ष की थीम पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करने वाला वैश्विक सहयोग निर्धारित किया गया है। ओजोन एक विलक्षड प्रकार की ऑक्सीजन है जिसमे सामान्य ऑक्सीजन के दो परमडुओ के स्थान पर तीन परमाणु होते है। समताप मंडल में स्थित ओज़ोन परत समस्त भूमंडल के लिए सुरक्षा कवच का काम करती है। विषय विशेषज्ञ डॉक्टर एसी मिश्र ने कहा कि ओजोन परत पृथ्वी के वायुमंडल की एक परत है, जिसमे ओजोन गैस की सघनता अपेक्षाकृत अधिक होती है।

ओजोन परत के कारण ही धरती पर जीवन संभव है। यह परत सूर्य के परा वैगनी प्रकाश की 90 से 99 प्रतिशत अवशोषित कर लेती है। डॉक्टर यस के शुक्ल ने कहा कि वातावरण में अत्यधिक प्रदूषण के कारण भी ओजोन लेयर की क्षति पहुचती है, इसलिए कोशिश करे कि पेट्रोल डीजल से चलने वाले वाहन की बहुत ज्यादा आवश्यकता ना होने पर कम इस्तेमाल करे, पॉलिथीन का प्रयोग एक दम न करे,पॉलिथीन एवम अन्य अपशिष्ट को न जलाए, नही।

विशेषज्ञ के के सिंह ने कहा कि ओज़ोन को नुकसान पहुचाने वाली क्लोरो फ्लूरो कार्बन गैस के उत्सर्जन को रोकना पड़ेगा।आमतौर पर रेफ्रिजरेटर, एयर कैंडिसनर का प्रयोग नकरे। रुई के तकियों का प्रयोग करे और फोम के उपयोग से बचे,मिट्टी के कुल्हड़, पत्तो की थालियों का प्रयोग करे। डॉक्टर मनीष कुमार ने कहा कि ओजोन परत पृथ्वी के समताप मंडल के निचले भाग में पृथ्वी की सतह के ऊपर लगभग 10 किमी से 50 किमी की दूरी तक पाई जाती है। यह सूर्य कीअल्ट्रावॉयलेट किरणों को पृथ्वी तक आने में रोकती है।

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