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कई प्रदेशो मे चुनार के लक्ष्मी गणेश के मूर्तियों की धूम, दस करोड़ के ब्यवसाय की उम्मीद

0 लाल मिट्टी व प्लास्टर आफ पेरिस निर्मित लक्ष्मी गणेश, कप प्लेट, खिलौने की विशेष पहचान
नौ एकड़ मे बनी बंद पडे राजकीय चीनी पात्र विकास केन्द्र को पुनर्जीवित करने की मांग 
चुनार, मिर्जापुर।
    कोरोनाकाल मे दो वर्षों से मंदी की मार झेल रहे चुनार नगर में निर्मित लाल मिट्टी व प्लास्टर आफ पेरिस से बने लक्ष्मी गणेश का निर्माण कर बिक्री करने वाले थोक ब्यवसायी इस बार काफी खुश नजर आ रहें है। मिर्जापुर जनपद और मंडल ही नही बल्कि यूपी के अलावा खरीदने के लिए बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड आदि प्रदेश के ब्यवसायी भी यहा आकर खरीददारी शुरू कर दिये है।
वर्ष 2020–21मे कोरोना के चलते मूर्ति ब्यवसायियो को काफी क्षति उठानी पडीं थी। नवंबर माह से अगस्त तक मूर्ति खिलौना आदि की निर्माण, रंगाई व भट्ठी मे पकाने का कार्य करतें है और सितम्बर माह से अक्टूबर तक थोक ब्यवसाय करके अपना एवं परिवारजनो का भरण पोषण, दवा ईलाज, शादी विवाह, लेन देन आदि का काम यहा के कारीगर करतें है।
सनद रहे कि नगर में निर्मित लक्ष्मी गणेश, कप प्लेट, खिलौने आदि को खरीदने के लिए आस पास के जनपदों के अलावा बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड आदि प्रदेश के ब्यवसायी आतें है, जिससेे मूर्ति ब्यवसायियो के अलावा चाय पान, भोजन के लिए अस्थायी ढाबा के साथ साथ ठेला गाड़ी, ट्रांसपोर्ट एवं मजदूरों के लिए भी आय का श्रोत बन जाता हैं।
वर्ष 2022 में मूर्ति ब्यवसाय से बडे, छोटे व मझोले ब्यवसायियो सभी को मिलाकर लगभग दस करोड़ की ब्यवसाय होने की उम्मीद है।  मूर्ति ब्यवसायियो के प्रति सरकार की उदासीनता के चलते गति नहीं मिल पा रही है। जरुरत है सरकार को ब्यवसायियो के उत्थान व लगभग नौ एकड़ मे बनी बंद पडे राजकीय चीनी पात्र विकास केन्द्र को पुनर्जीवित करने के लिए कोई ठोस कदम उठाने की।
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