अभिव्यक्ति

सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण की सरकार मोदी सरकार: डा. महेंद्र नाथ पांडेय, भारी उद्योग मंत्री, भारत सरकार

नई दिल्ली। 

एक ऐसा नेतृत्वकर्ता जो हमारे राष्ट्र के उत्थान और अपने नागरिकों के कल्याण के लिए समर्पित और प्रतिपल प्रतिबद्ध है, जिनका आगमन 8 साल पहले सत्ता में होता है उनका आदर्श वाक्य “सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण” रहा है जो कि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के ताने बाने के परिणामस्वरूप हमारे देश ने पिछले 8 वर्षों में जन-केंद्रित शासन की ओर एक आदर्श बदलाव देखा है। हम सबके प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में समाज और अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में असंख्य संरचनात्मक परिवर्तन हुए हैं।

ग्रामीण मिशन की तहत समस्त बेड़ियों को तोड़ते हुए भारत ने अपने 6,03,004 से अधिक गांवों को खुले में शौच मुक्त (ओपीडी) बनते देखा है। हजारों गांवों ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के विभाजन को अपनाया और इन दोनों प्रयासों ने कई संक्रमणात्मक बीमारियों जैसे हैजा, डायरिया, पेचिस समेत विभिन्न बीमारियों से हर साल 3 लाख से अधिक लोगों की जान बचाई है। स्वच्छता की अलख जगाने की उनकी अनोखी पहलों ने न केवल जीवन को प्रभावित किया है, अपितु यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ठोस कदम उठाते हुए सभी को दिशा दिया।

ऐसे ही प्रधानमंत्री आवास योजना ने करोड़ों लोगों को घर दिए हैं और साथ ही इस योजना के तहत समाज के हर वंचित व्यक्ति को घर देने का लक्ष्य भी रखा गया है, जबकि सौभाग्य योजना और दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना जैसी योजनाओं ने 2.82 करोड़ परिवारों के सपनों को साकार करने के साथ-साथ 19, 000 से अधिक दूरदराज के गांवों में बिजली पहुँचायी है यह निश्चित रूप से प्रधानमंत्री जी की दूरदृष्टि के कारण ही सम्भव हो सका है ऐसे ही ग्रामीण भारत में महिलाओं को अब पीने का पानी लाने के लिए मीलों चलना नहीं पड़ेगा, इसके लिए पिछले 3 वर्षों में 6.35 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल के पानी के कनेक्शन मिले हैं।

इसके अलावा मोदी जी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा, कृषि सिंचाई योजना, एमएसपी में वृद्धि, मृदा स्वास्थ्य कार्ड और ई-एनएएम के माध्यम से किसानों के लिए एक मौद्रिक प्रोत्साहन का आश्वासन दिया है।
दरअसल मोदी जी ने अपने जीवन में आम आदमी की मुश्किलों को करीब से देखा है। उज्ज्वला योजना के माध्यम से उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी मां खाना बनाते समय धुएं से पीड़ित न हो। इसलिए अब तक 9 करोड़ से अधिक नए एलपीजी कनेक्शन जारी किए गए और इस योजना ने सालाना 1.5 लाख से अधिक मौतों को रोका है और कम से कम 1.8 मिलियन टन पार्टिकुलेट मैटर 2.5 उत्सर्जन से बचने में मदद की है।

ऐसे ही हर क्षेत्र में असमानताओं को समाप्त कर इन पिछले 8 वर्षों में, प्रधान मंत्री जी ने आकांक्षात्मक जिला कार्यक्रम के माध्यम से स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कौशल विकास, वित्तीय समावेशन, कृषि और सिंचाई का लाभ हमारे एससी, एसटी भाइयों और बहनों तक पहुंचाकर क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने का प्रयास किया है, ये पहल एक प्रयास है जिससे सामाजिक विषमताओं को कम किया जा सके। ऐसे ही ‘दिव्यांगता अभिशाप नहीं वरदान है’ इसके लिए ऐसे व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 और भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान की स्थापना के माध्यम से दिव्यांग लोगों द्वारा सामना किए जाने वाले अवसरों की अनुचितता का निवारण किया जा रहा है। सरकार दिव्यांग खेलों के लिए आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाओं का भी निर्माण कर रही है, ये पहल हमारे दिव्यांग नागरिकों के जीवन पर बेहद प्रभाव डाल रही है और दिव्यांग जन में आत्मविश्वास की बृद्धि कर रही है।

हमारे आदिवासी आबादी को अब ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहा है। उनके सर्वांगीण विकास के लिए सरकार विशेष रूप से केंद्रित है और उनकी आजीविका को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा जनजातीय विकास मिशन और वन धन विकास केंद्र की स्थापना जैसी योजनाओं को लागू और उनके अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए वन अधिकार अधिनियम पारित किया गया है।

लगभग 7 साल पहले हमने दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन योजना (जन धन योजना) की शुरुआत देखी थी, जिसके माध्यम से 45 करोड़ लोगों को बैंकों तक लाया गया है और तत्कालीन सरकार के हस्तांतरण को बिचौलियों की भूमिका से निकाल कर सीधे लाभार्थियों तक पहुँचाया जा रहा है। वर्तमान सरकार ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से विभिन्न सब्सिडी प्राप्त करने वालों के लाभों को सुरक्षित किया। इसके अलावा, पहली बार, पूरे भारत में एक ही राशन कार्ड का उपयोग की व्यवस्था सुनिश्चित करने का कार्य हो रहा है इससे लगभग 77 करोड़ लाभार्थी इससे लाभ उठा सकते हैं।
कोरोना महामारी के आने पर जब विश्व अस्त व्यस्त और त्रस्त था उस कोरोना काल की महामारी में भी और अंतर्राष्ट्रीय संबंध को अधीन करना औषधि टीका के रूप में संजीवनी देकर महामारी के दौरान, जब पूरी दुनिया उथल-पुथल की स्थिति में थी, जबकि हमारे प्रधान मंत्री के कुशल नेतृत्व में, भारत की छवि वास्तव में “दुनिया की फार्मेसी” के रूप में सामने आई थी। भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया है जिसमे अबतक 2 अरब से अधिक लोगो तक टिका सुनिश्चित हो चुका है।भारत ने बूस्टर खुराक का निर्माण व सभी को लगावाने का भी कार्य तेज कर दिया।

यहां यह कहना आवश्यक है कि इन कठिन समय में जब कि कई देश मदत करने से कतराते थे ऐसे में प्रधानमंत्री जी अपने सहयोगी देशों की मदद करने से भी नहीं कतराये और वैक्सीन मैत्री योजना के तहत पड़ोसी देशों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया । उन कठिन समय के दौरान प्रधानमंत्री जी ने विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए ‘ वंदे भारत मिशन’ की शुरुआत की और लगभग 60 लाख भारतीयों को कई चरणों में वापस लाया गया। प्रधानमंत्री जी के स्पष्ट नेतृत्व में भारत ने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को सौहार्दपूर्ण ढंग से संभाला है और ऐसे समय में जब कोई देश भारत को उकसाता है, तो उनके द्वारा उठाए गए कदमों के लिए उनका जवाब कड़ा और सबक सिखाने वाला भी रहा है। भारत ने राष्ट्रों के साथ विभिन्न रणनीतिक साझेदारी की है और हमारा देश प्रधान मंत्री जी के नेतृत्व में राजनयिक संबंधों के महारती बन गया हैं।

पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने एकात्म मानववाद का दर्शन दिया जिसमें अंत्योदय के उत्थान की भावना शामिल थी, 1965 में एक भाषण में, उन्होंने कहा कि, “साम्यवादी और पूंजीवादी दोनों ही एकात्म व्यक्ति, उसके वास्तविक स्वरूप और पूर्ण व्यक्तित्व और उनकी आकांक्षाऐ तक ही उनकी थ्योरी है। हमारा उद्देश्य समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति यानि कि प्रत्येक व्यक्ति के प्रगति व खुशी की चिंता है” और इसी दृष्टि को ध्यान में रखते हुए हम सबके प्रधान मंत्री ने हमारे देश के प्रत्येक व्यक्ति की प्रगति की चिंता की पिछले 8 सालों में इस देश को विकसित होते लोगों ने देखा है कि मोदी सरकार ने विभिन्न योजनाओं के जरिए उनकी मदद की कोशिश की है।

पिछली सरकारों द्वारा किए गए कार्यों की तुलना में ये सभी प्रयास सराहनीय हैं। हालांकि, हमारे पीएम के नेतृत्व में इस सरकार का मानना ​​है कि भारत के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है, जिसके लिए हमारी सरकार निरंतर ईमानदारी पूर्वक लगी है और वह दिन दूर नहीं जब भारत के आबादी की वास्तविक क्षमता का आगाज होगा और यह समृद्ध भारत सशक्त भारत को वैश्विक महाशक्ति यानि कि विश्वगुरु के रूप स्थापित करेगा।

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