अहरौरा, मिर्जापुर।
श्रीमती देवकली इंटर कांलेज जमालपुर के मैदान पर शनिवार को विकास खंड स्तरीय परिषदीय बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता आयोजित की गयी। बच्चो का खेल देखने के लिये लोगो की भीड़ जुटी रही और लोगों ने तालिया बजाकर बच्चो का उत्साह वर्धन किया।
मुख्य अतिथि बीडीओ शैलेंद्र सिंह ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर एवं विकास खंड का ध्वज फहरा कर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि खेल से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास होता है। संपूर्ण विकास के लिये खेल अत्यंत आवश्यक है। सहिजनी प्राथमिक विद्यालय की बच्चियां दीपांजलि पटेल, काजल मौर्या, आबिदा, आकरीन, अंगुरी एवं राइबा ने सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत सुनाया। बीडीओ एवं खंड शिक्षा अधिकारी ने नगद पुरस्कार देकर बच्चियो का हौसला बढ़ाया।
उच्च प्राथमिक बालक वर्ग के 100 मीटर दौड़ में लकी पटेल बरईपुर न्याय पंचायत, 200 एवं 600 मीटर में दिनेश रोशनहर न्याय पंचायत, एवं बालिका वर्ग में 100 मीटर दौड़ में तृप्ति ओड़ी न्याय पंचायत, 400 मीटर दौड़ में बबिता जयपट्टी न्याय पंचायत एवं 600 मीटर दौड़ में आंचल यादव मदारपुर डकही न्याय पंचायत ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
प्राथमिक विद्यालयों के बालक वर्ग के 100 मीटर दौड़ में प्रिंस पाल जयपट्टी न्याय पंचायत,400 मीटर दौड़ में राहुल यादव मदारपुर डकही न्याय पंचायत एवं लंबी कूद में रोशन बरईपुर न्याय पंचायत और बालिका वर्ग के 50,100 एवं 200 मीटर दौड़ में रोशनी धुरिया न्याय पंचायत ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। लंबी कूद में स्वाति रेरूपुर न्याय पंचायत ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इस दौरान खंड शिक्षा अधिकारी डॉ अरूण कुमार सिंह लोगों का आभार व्यक्त किया। गीता सिंह, कंचन सिंह ने आकर्षक रंगोली बनाने के साथ ही अभिलेखीकरण का कार्य किया। प्रभाकर सिंह ने भी अभिलेखीकरण किया।
इस अवसर पर एसआरजी सरिता तिवारी, डायट मेंटर अवधेश सिंह, एआरपी सूर्य नारायण सिंह, जितेन्द्र शर्मा, अजय वर्मा, नोडल संकुल शिक्षक रोशनहर अरविंद कुमार त्रिपाठी, मदारपुर डकही प्रभाकर सिंह सहित अमरेश सिंह, ज्योति प्रकाश पांडेय, सौम्या श्रीवास्तव, सुबाष सिंह, ब्लाक खेल शिक्षक अवधेश सिंह, संदीप मिश्रा, सौरभ पाण्डेय, सुनील, स्वामी नित्यानंद सिंह, ज्योति प्रकाश पांडेय, चन्द्रमा प्रसाद सिंह, शिवेश श्रीवास्तव, सहित विकास खंड के अन्य शिक्षक शिक्षिका उपस्थित रहे। खेलकूद प्रतियोगिता को संपन्न कराने में अनुदेशकों ने अहम भूमिका निभाई।