मिर्जापुर।
एपेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदिक मैडिसिन एंड हॉस्पिटल प्रेक्षाग्रह मे आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अवधेश कुमार सिंह के संरक्षण मे प्रधानाचार्य प्रो एके सोनकर की अध्यक्षता मे वर्तमान परिपेक्ष्य मे पंचकर्म की उन्नति विषय पर पीजी एवं बीएएमएस अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए तृतीय राष्ट्रिय शैक्षिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। शैक्षिक सत्र का शुभारंभ एपेक्स के चेयरमैन डॉ एसके सिंह की गरिमामयी उपस्थ्ति में मुख्य अतिथि पूर्व निदेशक आयुर्वेद सेवाए लखनऊ प्रो आरडी त्रिपाठी एवं डीन आयुर्वेद संकाय बीएचयू प्रो केएन द्विवेदी, पूर्व डीन विक्रम विश्वविद्यालय प्रो यूएस निगम, क्षेत्रीय अधिकारी आयुर्वेद सेवाएँ प्रो भावना द्विवेदी, विभागाध्यक्ष पंचकर्म जीवक आयुर्वेद कॉलेज प्रो केके द्विवेदी, राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के विभागाध्यक्ष प्रो पीएल संखुआ, प्रो सीएस पांडे द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
देश के विभिन्न प्रदेशों से आमंत्रित पंचकर्म के प्रगाढ़ विद्वानों द्वारा दैनिक दिनचर्या मे पंचकर्म की भूमिका, पंचकर्म थेरेपी एवं इसकी उपियोगिता, बुज़ुर्गों के लिए पंचकर्म, पुनर्वसन, कुपोषण, सियाटिका प्रबंधन आदि मे पंचकर्म के विभिन्न पहलुओं पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए छात्रों का ज्ञान वर्धन किया। संगोष्ठी मे पीजी छात्रों द्वारा थीसिस पेपर भी प्रस्तुत किए गए। मुख्य अतिथि प्रो त्रिपाठी ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए पंचकर्म के विलुप्त होते वास्तविक स्वरूप को पुनः प्राचीनतम आयुर्वेद शास्त्रों के अनुरूप अग्रसारित करते हुए शुद्ध आयुर्वेद औषधियों के उत्पादन एवं सस्ते मूल्यों पर उपलब्ध कराने हेतु आह्वान किया। राष्ट्रीय संगोष्ठी का संयोजन वैद्य पीके राय, वैद्य मनोज सिंह, वैद्य दिलीप उपाध्याय आदि पंचकर्म विशेषज्ञों एवं संचालन डॉ शिवानी द्वारा किया गया। संगोष्ठी मे लगभग 200 से अधिक छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग लिया।