मीरजापुर।
सर्वोच्च न्यायालय एवं उoप्रo राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशन पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दीवानी न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत कार्यक्रम का शुभारम्भ जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनमोल पाल एवं सभी न्यायिक अधिकारीगण संयुक्त रूप से माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यापर्ण व दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया। जनपद न्यायाधीश ने सभी न्यायिक के साथ बैठक किए और राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा मुकदमों को निस्तारण करने एवं वादकारियों को व्यापक सहुलियत प्रदान करने का निर्देश दिए।
जनपद न्यायाधीश अनमोल पाल ने कुल 1 मामलों का निस्तारण किए और अवार्ड पारित किए। प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय श्री दिवाकर प्रसाद चतुर्वेदी ने प्री-लिटिगेशन मामलों का निस्तारण किए और न्यायालय में लम्बित 33 पारिवारिक मामलों में सुलह-समझौत कराते हुए पति-पत्नी साथ-साथ रहने के लिए राजीखुशी घर भेजे। पीठासीन अधिकारी मोटर अधिकरण राम प्यारे ने 54 मोटर दुर्घटना प्रतिकर मामलों आधार पर कराये निस्तारण किए और 3 करोड 48 लाख 83 हजार 632 रूपये प्रतिकार के रूप में मृतको एवं घायलों के परिजनों को दिलाये गये। विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट बलजोर सिंह ने 2 मिसलिनियस वादों का निस्तारण किए।
विशेष न्यायाधीश ई.सी. एक्ट जितेन्द्र मिश्रा ने 37 मिसलिनियस विद्युत अधिनियम वादों का निस्तारण किए और एक लाख नब्बे हजार जुर्माना वसूल किए। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो सन्तोष कुमार तिवारी ने 02 मिसलिनियस मुकदमों का निस्तारण किए और 1,000 रुपया जुर्माना वसूल किए। प्रथम अपर जिला जज चन्द्रशेखर मिश्रा ने 02 मुकदमों का निस्तारण किए और 3 लाख 45 हजार 0092 रुपया जुर्माना वसूल किए। अपर जिला जज अति० पॉक्सों तालेंदर सिंह ने 01 मिसलिनियस मुकदमे का निस्तारण किये। अपर जिला जज एफटीसी वायु नन्दन मिश्रा ने 3 मुकदमों का निस्तारण किए और 1500/- जुर्माना वसूल किया। अपर जिला जज एफटीसी लाल बाबू यादव ने 08 मुकदमों का निस्तारण किए और 2000 रूपया जुमार्ना किए।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री रत्नम श्रीवास्तव ने कुल 1951 मुकदमों का निस्तारण, सिविल जज (सी. दि.) श्रीमती दीप्ती यादव ने कुल 07 सिविल वादों का निस्तारण किए और 50 लाख 57 हजार 373 रुपये का उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रदान किए। पूर्णकालिक सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती प्रज्ञा सिंह ने 1853 बैंक ऋण प्री-लिटिगेशन मागलों का निस्तारण सुलह-समझौते के की।
प्रथम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आनन्द कुमार उपाध्याय ने 710 मुकदमों का निस्तारण किये और 5लाख 44 हजार 096- जुर्माना वसूल किए सिविल जज ( जू० डि०) चुनार अंकूर चित्रान्शी ने 51 दीवानी याद को निस्तारित की और 8 लाख 17 हजार 13 रुपये का सक्सेशन प्रमाण पत्र जारी 45 हजार 0992 रुपया जुर्माना किये। सिविल जज ( जू० डि०) ललिता यादव ने 07 दीवानी वाद को निस्तारित की और 10 लाख 25 हजार 160 रुपये का सक्सेशन प्रमाण पत्र जारी की। ग्राम न्यायालय मजिस्ट्रेट अमित कुमार यादव ने 45 मुकदमों का निस्तारण किए और 88906- जुर्माना वसूल किए।
न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती अंजूम शैफी ने 10 मुकदमों का निस्तारिण किए और 30 हजार 800 रूपय जुमान वसूल की अपर सिविल जज (जू • जुर्माना वसूल किए। डि.) श्रीमती गीतिका सिंह ने 352 मुकदमों का निस्तारण की और 11750 रूपया जुर्माना वसूल की सुश्री प्रिया सिंह ने 419 मुकदमों का निस्तारण की और 95906- जुर्माना वसूल की सुश्री आस्था मिश्रा में 119 मुकदमों का निस्तारण की और 14850– जुर्माना वसूल की सुश्री पूनम कुमारी चौहान ने 257 मुकदमों का निस्तारण की और 9620 /- रूपये जुर्माना वसूल किया। मुकदमा का ई-चालान के 799 मुकदमों का निस्तारण हुआ और 8लाख 36 हजार 300 /- रूपया जुर्माना वसूल राजस्व वाद नगर मजिस्ट्रेट एवं उपजिलाधिकारियों व तहसीलदार / नायब तहसीलदारों के न्यायालयो नगरपालिका परिषद तथा बीएसएनएल द्वारा 14587 वादा / मामलो का निस्तारण किया गया।
राष्ट्रीय लोक अदालत, तथा प्री-लिटिगेशन लोक अदालत भारतीय स्टेट बैंक, इण्डियन बैंक, आर्यब्रत बैंक, बैंक आफैँ बडौदा, कैनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक आफ इण्डिया, यूको बैंक, अपने-अपने पण्डाल लगाकर कुल 44 अदालतों का गठन कर किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में व०लि० दीपक श्रीवास्तव, वरिष्ठ अधिवक्ता बद्री विशाल, रंजीत कुमार डाटा आपरेट एवं समस्त न्यायिक कर्मचारीगण उपस्थित होकर सहयोग प्रदान किए।