मिर्जापुर।
जनपद के सभी सम्मानित कृषक बन्धुओं को अवगत कराना है कि फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है। जिससे श्वांस सम्बन्धित बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है एवं जलवायु के ऊपर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है जिसके कारण फसलों की वृद्धि एवं उत्पादन भी प्रभावित होती है, तथा खेत में पाये जाने वाले सभी प्रकार के मित्र कीट मर जाने से खेत की उर्वरा शक्ति क्षीण हो जाती है एवं मिट्टी की कार्बन भी जलकर नष्ट हो जाने से उस भूमि में कोई भी फसल उगाना एवं उत्पादन करना सम्भव नहीं होता है। जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल किसानों से अपील किया है कि जो किसान भाई पराली गौशालाओं को दान देना चाहते है तो वह इस मोबाइल नम्बर पर 9984668598 सम्पर्क करके अवगत करा सकते है।
अशोक उपाध्याय, उप कृषि निदेशक द्वारा बताया गया कि फसल अवशेष जलाने वाले दोषी व्यक्ति को मा0 राष्ट्रीय हरित अधिकरण आदेश के क्रम में पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति हेतु अर्थदण्ड की व्यवस्था की गयी है। कृषि भूमि का क्षेत्रफल दो एकड़ से कम होने की दशा में अर्थदण्ड रू0 2500 प्रति घटना। कृषि भूमि का क्षेत्रफल दो एकड़ से अधिक किन्तु 5 एकड़ तक होने की दशा में अर्थदण्ड रू0 5000 प्रति घटना। कृषि भूमि का क्षेत्रफल 5 एकड़ से अधिक होने की दशा में अर्थदण्ड रू0 15000 प्रति घटना निर्धारित किया गया है।