0 भारतीय भाषाएं अलग-अलग होते हुए भी सम्पूर्ण भारत को एक सूत्र में बांधने का करती है कार्य
मीरजापुर।
प्रमुख सचिव उ०प्र० शासन के निर्देश के अनुपालन में जनपद के माध्यमिक विद्यालयों में आजादी का अमृत महोत्सव की श्रृंखला में महाकवि सुब्रण्यम भारती के जयंती के अवसर पर “भारतीय भाषा उत्सव मनाया गया। जनपद में मुख्य कार्यक्रम मंडलायुक्त, विन्ध्याचल मण्डल डा० मुथुकुमार स्वामी बीo तथा मुख्य विकास अधिकारी श्रीलक्ष्मी वीएस की अध्यक्षता में नगर के आर्य कन्या पाठशाला में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों के स्वागत पुष्पगुछ अंगवस्त्रम व स्वागत गीत गाकर किया गया। सुन्दर मुन्दर जायसवाल नगरपालिका बालिका इ0का0 मीरजापुर की छात्रा दीपिका द्वारा महाकवि सुब्रण्यम भारती के जीवन वृत्त पर प्रकाश डाला गया, आर्य कन्या पाठशाला इ0का0 मीरजापुर की छात्रा शगुन वाडिया द्वारा भरत नाट्यम की प्रस्तुत दी गयी इसी विद्यालय की कक्षा 10 की छात्रा कुo रीता द्वारा भी भारतीय भाषा की महत्ता पर प्रकाश डाला गया। सु०मु०न०पा०बालिका इ0का0 मीरजापुर की छात्रा दीक्षा प्रजापति द्वारा वंदे मातरम का हिन्दी रूपान्तर तमिल भाषा में गायन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। आर्य कन्या पाठशाला इ०का० मीरजापुर की छात्रा कु० वैष्णवी मोदनवाल द्वारा कविता पाठ प्रस्तुत किया गया। छात्रों द्वारा भारत गणराज्य के राज्यों के नाम की तख्तियों के माध्यम से भारत प्रदर्शनी प्रस्तुत किया जो अत्यन्त ही सराहनीय रहा।
मंडलायुक्त विन्ध्याचल मण्डल, डॉ0 मुथुकुमार स्वामी बी0 ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि आज महाकवि के सैकड़ो वर्ष स्वर्गवासी हुए हो गये और आज भारतीय भाषा उत्सव मनाने का मुख्य उद्देश्य यही दर्शाता है कि भारतीय संविधान में 22 भारतीय भाषाओं को अंगीकार किया गया है, प्रत्येक व्यक्ति को अपनी मातृ भाषा के साथ-साथ कम से कम एक अन्य भारतीष भाषा को सीखना चाहिए इसका अखिल भारतीय सेवाओं आदि के लिए लाभ है, क्योंकि सेवा क्षेत्र में दूरस्थ अन्य प्रदेश में तैनाती होने पर वहां की भाषा को सीखना और उस भाषा में काम करना पड़ता है। उन्होंने आगे कहा कि भारत में 22 भाषाओं के आलावा लगभग 2200 बोलिया है, जो भारत की विविधता को दर्शाता है।
मुख्य विकास अधिकारी मीरजापुर ने अपने सम्बोधन में आजादी के आन्दोलन में भारतीय भाषा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि भारतीय भाषाएं अलग-अलग होते हुए भी सम्पूर्ण भारत को एक सूत्र में बांधने का कार्य करती है यह भाषाएं अलग-अलग नहीं है, बल्कि हम सभी के लिए है। इसके साथ ही महाकवि सुब्रण्यम भारती जी के सामाजिक कार्यों पर भी प्रकाश डाला गया। महाकवि सुब्रण्यम भारती के विचारों पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि महाकवि का विचार था कि “जिस दिन संसार में कोई व्यक्ति अन्न के अभाव में भूखा मरेगा उस दिन पूरे संसार का विनाश हो जायेगा ।” बिना भाषा के छात्र न तो गणित और न ही अन्य कोई विषय समझ पायेंगे, इसके लिए भाषा का ज्ञान अत्यन्त ही आवश्यक है।
कार्यक्रम के अंत में जिला विद्यालय निरीक्षक, द्वारा सभी अतिथियों, कार्यक्रम में सहयोगी प्रधानाचार्य, शिक्षकों एवं छात्रों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए भारतीय भाषा उत्सव के महत्व को इस वाक्य से रेखांकित किया गया कि भारत में “पग-पग पर पानी बदले चार कोस पर बानी” की कहावत चरितार्थ है, भारत एक विविधताओं का देश है। अंत में प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को मण्डलायुक्त द्वारा पुरस्कृत किया गया।