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वज्रपात के कारण होने वाली हानियों में उत्तर प्रदेश का तीसरा स्थान, वज्रपात के कारण होने वाली जनहानियों में मीरजापुर तीसरे स्थान पर, आखिर क्यों?

0 वज्रपात जागरूकता रथ को जिलाधिकारी ने हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना
0 डीएम की अध्यक्षता में सिटी क्लब में वज्रपात के कारण होने वाली हानियों के  सम्बन्ध में कार्यशाला का किया गया आयोजन 
मिर्जापुर।
जिलाधिकारी दिव्या मित्तल की अध्यक्षता में सिटी क्लब में वज्रपात के कारण होने वाली हानियों के सम्बन्ध में कार्यशाला का आयोजन किया गया। बताया गया कि वज्रपात के कारण होने वाली हानियों में उत्तर प्रदेश का तीसरा स्थान, वज्रपात के कारण होने वाली जनहानियों में मीरजापुर तीसरे स्थान पर है। आकाशीय विद्युत के कारण प्रति वर्ष 70 प्रतिशत से अधिक जनहानि इसलिये होती है क्योंकि लोग वर्षा संभावित वज्रपात के मौसम में पेड़ कि शरण में चले जाते हैं और इन पेडों पर सबसे अधिक वज्रपात गिरता है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लखनऊ में आपदा प्रबंधन पर आयोजित तीसरे अंतर राजयीय सम्मेलन में यह कहा गया था कि जनपद मीरजापुर एवं सोनभद्र में वज्रपात सुरक्षा हेतु पूर्व चेतावनी तंत्र प्रडालि को विकसित किया जाये एवं इसके अतिरिक्त वज्रपात पूर्व तैयारी पर जागरूकता फैलाने हेतु प्रचार प्रसार कराया जाय।
प्रशिक्षण केंद्रित कार्यशाला के अतिरिक्त जनपद स्तर से चारों तहसीलों में जागरूकता फैलाने हेतु 2 वज्रपात जागरूकता रथ को जिलाधिकारी द्वारा हरी झंडी दिखा कर रवाना किया गया है।
उन्होने कहा कि इस जागरूकता रथ को नेहरू युवा केंद्र संगठन के स्वयंसेवकों द्वारा जनपद के समस्त आबादी वाले क्षेत्रों में घुमाया जा जायेगा एवं रथ को रोक कर समय समय पर भीड़ से वार्ता कर भीड़ को जागरूक किया जायेगा। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये जिलाधिकारी ने कहा कि वज्रपात से बचने के के लिये वज्रपात के समय पक्की छत के नीचे चले जाये, खिड़की के कांच टीन की छत, गीले सामान और लोहे के  हैंडलों से दूर रहे, वज्रपात के समय यदि पानी है तत्काल पानी के बाहर आ जाए, खुली जगह पर हो तो कान पर हाथ रखकर एड़ियों को आपस में मिलाकर जमीन पर बैठ जाये।
  सफर के दौरान अपने वाहन में शीशे को बन्दकर बैंठे रहें। जनपद  को वज्रपात सुरक्षित क्षेत्र बनाने कि योजना पर कार्य किया जा रहा है अर्थात पूर्व चेतावनी तंत्र एवं वज्रपात तड़ित चालक यंत्र को जनपद के चयनित संवेदानशील क्षेत्रों में स्थापित करने हेतु योजना बनाई जा रही है, जो कि जल्द ही जिले में स्थापित कर दी जायेगी।
 मुख्यमंत्री द्वारा प्राप्त मार्ग निर्देशन में अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) शिव प्रताप शुक्ल एवं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट (उपजिलाधिकारी लालगंज)  नवनीत सेहारा द्वारा तैयार कि गयी रूपरेखा के अनुसार राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों के सहयोग से मीरजापुर जनपद पर आकाशीय विद्युत के परिप्रेक्ष्य में शोध किया गया।
  क्लाइमेट रेजिलिएंट आब्जर्विंग सिस्टम प्रमोशन काउंसिल एवं डी0डी0एम0 द्वारा शोध कर यह ज्ञात किया गया कि जनपद के किन क्षेत्रों में आकाशीय विद्युत के कारण अत्यधिक जनहानि हो रही हैं एवं किन क्षेत्रों में अत्यधिक आकाशीय विद्युत भूमि से टकरा रही है। शोध उपरांत चयनित क्षेत्रों के संवेदनशील ग्रामों के लेखपाल, पंचायत सचिव, ग्राम प्रधान, आंगनबाड़ी कर्मियों का जिलाधिकारी, की अध्यक्षता में आज सिटी क्लब सभागार में आयोजित कार्यशाला में क्लाइमेट रेजिलिएंट आब्जर्विंग सिस्टम प्रमोशन काउंसिल (सी0आर0ओ0पी0सी0) के अध्यक्ष कर्नेल संजय श्रीवास्तव द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण के दौरान जिलाधिकारी, एवं अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) ने प्रशिक्षित लोगों को अधिक से अधिक जन समुदाय को जागरूक करने को कहा, जिससे कि वज्रपात के कारण होने वाली जनहानियों को न्यून किया जा सके। प्रशिक्षण में वज्रपात विशेषज्ञ कर्नल संजय श्रीवास्तव ने लोगों को यह समझाया कि जनपद मीरजापुर कि 70 प्रतिशत से अधिक कि जनहानि का कारण यह है कि लोग वज्रपात के दौरान खुले मैदानी क्षेत्रों में होते हैं या पेडों के नीचे खड़े रहते हैं, जहाँ अत्यधिक आकाशीय विद्युत के होने कि संभावना होती हैै।
अध्यक्ष, सी0आर0ओ0पी0सी0 ने समझाया कि वर्षा एवं वज्रपात के मौसम में लोगों को पेड़ के नीचे या खुले मैदान में नहीं जाना चाहिए, महिलाओं को घरेलू संसाधनों जैसे जुट कि रस्सी और पोल के माध्यम से तड़ित चालक यंत्र को स्थापित करने हेतु बताया गया एवं अन्य भी बहुत सारी जानकारियां दि गयी। कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा, समस्त तहसीलदार, लेखपाल, पंचायत सचिव, ग्राम प्रधान एवं अन्य अधिकारी गण एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
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