0 वयोवृद्ध धर्मपत्नी शांती देवी ने रक्षामंत्री को पत्र भेजकर व्यक्त की अंतिम इक्षा
0 पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व0 अटल जी व स्व0 गुप्त के बीच बिहसड़ा मैदान में हुई थी कुश्ती
मिर्जापुर।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ छानबे खंड के प्रथम खंड कार्यवाह स्वर्गीय अमर नाथ गुप्त की पत्नी शांती देवी ने रक्षा मंत्री भारत सरकार राजनाथ सिंह को पत्र भेजकर गैपुरा चैराहे पर स्वर्गवासी पति अमरनाथ गुप्त की प्रतिमा स्थापना एवं अमर चौक घोषित करने की मांग की है। पत्रक में कहा है कि नगर विधायक रत्नाकर मिश्र के वर्ष 2017 के चुनावी जनसभा में तत्कालीन गृहमंत्री के रूप में अपने उद्बोधन में आपने कहा था कि ’’मैं जब यहाँ आता हूँ तो मुझे बहुत कष्ट होता है, यही से थोड़ी दूर पर माननीय अमर नाथ गुप्त का घर ग्रामसभा विजयपुर में है, जो अब नही रहे। वे छानबे खण्ड के प्रथम खण्ड कार्यवाह रहे- मैं जब पहली बार विस्तारक बनकर आया, तो उनके साथ हमने काम किया है।’’
आपका उक्त उद्बोधन नगर विधानसभा क्षेत्र की जनता और न ही आपकी यह भाभी ही भूली है। आपके आशीर्वाद से एम्स में मेरा इलाज हुआ, जिसकी वजह से आज भी साँसे चल रही है और कब प्राण-पखेरू उड़ जाये, इसका कोई भरोसा नही। ऐसे में आपसे अपनी अंतिम इच्छा प्रकट करती हूँ कि गैपुरा चैराहे पर स्वर्गवासी पति अमरनाथ गुप्त की प्रतिमा स्थापित कराते हुए चैराहे को ’’अमर चौक ’’ घोषित किया जाये।
वयोवृद्ध शांति देवी ने बताया कि अद्भुत प्रतिभा के धनी हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी और उर्दू में महारत हासिल राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के समर्पित निष्ठावान कार्यकर्ता स्व0 अमर नाथ गुप्त मीरजापुर के छानबे ब्लाॅक के विजयपुर में रहकर आजीवन संघ के साधारण कार्यकर्ता की भांति निष्ठाभाव से विभिन्न आनुषांगिक संगठनों को भी जीवन्त करने के भाव के साथ अध्यापक अर्जन से परिवार का भरण-पोषण करते थे। परम् पूज्य डा0 हेडगेवार साहब, श्री गुरू जी, रज्जू भैया के साथ अनेक कार्यक्रमों का समुचित संचालन व्यवस्था देखते थे।
माननीय स्व0 नाना जी देशमुख जनसंघ के संस्थापक सदस्य का कार्यक्रम भी राजा साहब विजयपुर के ही प्रांगण में आयोजित था। प्रथम राजनैतिक पार्टी जनसंघ के स्वामी ब्रहमाश्रम जी बिहसड़ा जनसंघ से एवं राजा श्री निवास प्रताप सिंह कांग्रेस से प्रत्याशी रहे। राजा विजयपुर के राज्य में रहते हुये भी कुशल कार्यकर्ता दायित्व निर्वहन की युक्ति से स्वामी ब्रहमाश्रम जी जनसंघ को विधायक बनाने में सफल रहे, जिसके कारण राजा विजयपुर का कोपभाजन भी सहन करना पड़ा था। पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 अटल जी राज्यसभा सदस्य कार्यकाल (1980) में बिहसड़ा मैदान में आये थे और वहां पर स्व0 गुप्त एवं अटल जी के बीच कुश्ती भी हुयी थी। यहाँ से जाने के बाद अटल जी ने पत्र भेजा था, जिसमें तत्कालीन राजनीतिक परिवेश का जिक्र करते हुये पूरा अंतरदेशीय पत्र भर डाला था। स्वर्गीय अटल जी की याद में अमरावती चौराहा विन्ध्याचल को अटल चौक का भव्य स्वरूप दिया जा चुका है।
पत्र में कहा है कि उनकी धर्मपत्नी शान्ती देवी विनम्र निवेदित कर रही हूँ कि माननीय नाना जी देशमुख को मरणोपरान्त भारत रत्न से जिस तरह सम्मानित किया गया, उसी तरह भारत सरकार के द्वारा गैपुरा चैराहे पर स्व0 अमर नाथ गुप्त की प्रतिमा (स्मारक) बनाये जाने की संस्तुति की जावे, यही मेरी जीवन की अन्तिम इच्छा है।