मुख्य विकास अधिकारी श्रीलक्ष्मी वीएस ने प्रातः 9ः40 बजे नगर पंचायत कछवाँ स्थित गो-वंश आश्रय स्थल का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में पाया गया कि गौवंश आश्रय स्थल पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया है तथा ठंड से बचाव हेतु आलाव की व्यवस्था है किन्तु मल-मूत्र एवं पानी के निकासी हेतु बनाई गयी नाली की सफाई नहीं है, जिस पर अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत को निर्देशित किया गया कि मूत्रध्पानी की निकासी तथा आगामी दिनों में ठंड के बढ़ते प्रकोप से पशुओं को बचाने हेतु त्रिपाल आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करायें।
गौवंशों के स्वास्थ्य के सम्बन्ध में पृच्छा करने पर मौके पर उपस्थित केयर टेकर एवं पशुधन प्रसाद अधिकारी श्री विनोद कुमार द्वारा बताया गया वर्तमान में इस आश्रय स्थल में कुल-87 गो-वंश (65 मादा, 22 नर) संरक्षित है, जिनका नियमित स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण में पाया गया कि कतिपय संरक्षित पशुओं का इयर-टैगिंग नहीं किया गया है, निर्देशित किया गया तत्काल अवशेष पशुओं की इयर’टैगिंग कराना सुनिश्चित करें। मौके पर अभिरक्षित पंजिकाओं के अवलोकन में पशु रजिस्टर नहीं मिला।
निरीक्षण पंजिका के अवलोकन मंे पाया गया कि पूर्व अधिकारियों द्वारा जाँच के समय दिये गये निर्देशों को अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत द्वारा गम्भीरता से नहीं लिया जा रहा है। पंजिका को अवलोकित करते हुए अद्योहस्ताक्षरी द्वारा निर्देशित किया गया कि निरीक्षण के समय दिये गये निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये। हरे चारे की व्यवस्था के सम्बन्ध में बताया गया कि भूमि उपलब्ध है, निर्देशित किया गया कि उपलब्ध जमीन पर हरे चारे की बुआई कराते हुए सभी व्यवस्था सुनिश्चित करें, इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलिता न की जाये।
तद्ुपरान्त विकास खण्ड मझवाॅ के ग्राम पंचायत करसड़ा में स्थित गौआश्रय स्थल का निरीक्षण करने पर गो-वंश आश्रय स्थल की बाउण्ड्रीवाल का निर्माण वित्तीय वर्ष-2022-23 में क्षेत्र पंचायत के राज्य वित्त से रू0 9.40 लाख की लागत से किया गया। इस आश्रय स्थल में कुल-92 गो-वंशज संरक्षित है। गौवंशों के स्वास्थ्य के सम्बन्ध में पृच्छा करने पर मौके पर उपस्थित पशु चिकित्साधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्तमान में गौवंश जो अत्यधिक वृद्ध है, बीमार है, जिसके लिए चिकित्सा उपचार एवं अलाव की व्यवस्था के साथ ही धूप लेने की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है। हरे चारे के रूप में सरसों तथा घोड़जई बुआई की गयी है तथा हरे चारे को काटने हेतु चारा-मशीन लगवाया गया है। आश्रय स्थल पर वृक्षारोपण कराते हुए उनकी सुरक्षा की व्यवस्था किया गया है।
आश्रय स्थल पर दो वर्मी कम्पोस्ट पिट बनाया गया है, एक में गोबर भर कर रखा गया है, जिसके सम्बन्ध में अद्योहस्ताक्षरी द्वारा मौके उपस्थित ग्राम प्रधान एवं सचिव को विकास खण्ड-लालगंज के ग्राम पंचायत-बामी के तरह वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण एवं उसकी उपलब्धता के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान करते हुए निर्देशित किया गया कि उक्त कार्य में ग्राम पंचायत में बने समूह सखियों को जोड़कर आय के नये स्त्रोत बनाये जायें। दूसरी ओर बने वर्मी कम्पोस्ट पिट के निरीक्षण में पाया गया कि ऊचाई अत्यधिक है, जिससे कार्य करने में कठिनाई आने के दृष्टिगत खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया तत्काल उस पर सीढ़ी बनवायें तथा निर्मित पिट का प्रयोग न करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश्ति किया गया कि कम्पोस्ट पिट में केचुआ आदि डालते हुए कम्पोस्ट खाद उत्पादित करते हुए ग्राम के समूह की महिलाओं को उससे जोड़ते हुए शासकीय धन की उपयोगिता सुनिश्चित किया जाये।
निरीक्षण के समय खण्ड विकास अधिकारी-मझवाँ, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका, पशु चिकित्साधिकारी-कछवाँ, पशुधन प्रसाद अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम प्रधान एवं अन्य उपस्थित रहें।