धर्म संस्कृति

अनन्तश्री विभूषित स्वामी विमलानंद की 41 वीं पुण्यतिथि पर भव्य भंडारे का आयोजन

मिर्जापुर।

छानबे विकास खंड अंतर्गत विजयपुर ग्राम स्थित झोरिया महादेवन आश्रम मे स्वामी विमलानंद महाराज की 41 वीं पुण्यतिथि बुधवार को धूमधाम से मनाया गया। हज़ारों भक्तों ने स्वामी जी के समाधि पर पहुंचकर शीश नवाया और भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया। स्वामी अड़गड़ानंद जी महराज की बाट जोह रहे श्रद्धालु भक्तजनों को इस बार मायूस होना पड़ा। भक्तों के बीच स्वामी अड़गड़ानंद जी महराज के शिष्यों ने सत्संग प्रवचन के माध्यम से भक्तों को ग्यान गंगा से अभिवंचित कर मुक्ति का मार्ग बताया। 

इस अवसर पर स्वामी विमलानंद जी की समाधि को फूल माला एवं गजरा से दिव्य रूप से सजाया गया था। वही शिव मंदिर, हनुमान मंदिर एवं स्वामी विजयानंद जी महाराज की समाधि सहित गुरु महाराज की धूनी को भव्य रूप से सजाया गया था, जहां लोग पहुंचकर समाधिष्ठ संतो और धूनी पर प्रनाम कर रहे थे। 

    उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष 28 दिसंबर के दिन अड़गड़ानंद जी महराज का यहां स्वामी विमलानंद जी की पुण्य तिथि पर आगमन होता था। यद्यपि महराज जी के भंडारे मे भारी संख्या मे प्रसाद ग्रहण कर भक्तों ने स्वयं को कृतार्थ किया। मौसम की चुनौती स्वीकार करते हुए बुधवार की सुबह से ही भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था, जोकि शाम तक चलता रहा। महराज जी के शिष्य नारद महराज, मोनी बाबा, त्यागी बाबा, कृष्णानंद बाबा, प्रमोद बाबा, भुवनेश्वर महराज, प्रेम बाबा, नर्मदा शंकर बाबा ने ध्यान, योग,  योगासन, साधना और मुक्ति के बारे मे विस्तार से भक्तजनों को अमृत वाणी से अभिवंचित किया। भजन कीर्तन के माध्यम से भक्तों को तृप्त करने का प्रयास किया।

संतों ने कहा कि ओम और राम में से कोई एक मंत्र का जाप और सद्गुरु का ध्यान ही मानव जाती के मुक्ति का सर्वश्रेष्ठ मार्ग है। इसी मार्ग पर चलकर सभी परमतत्व परमात्मा के हो सकते है। इस अवसर पर चौकी इंचार्ज गैपुरा  रविकांत मिश्रा पूरी टीम के साथ सुरक्षा की दृष्टि से उपस्थित रहे और यथास्थान वाहन पार्किंग एवं सुचारू आवागमन को लेकर सक्रिय रहे।

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