शोक संवेदना

संघकार्य के दौरान रसोई बनाने वाली ‘अनाथ’ की पत्नी राजनाथ की ‘शांति भाभी’ पंचतत्व में विलीन

0 बड़े बेटे प्रधानाध्यापक डॉ रविश अग्रहरि ने दी मुखाग्नि
0 प्रधानाध्यापक एवं भारत सरकार नोटरी को मातृशोक
0 अंतिम यात्रा एवं श्रद्धांजलि में उमड़ी भीड़, चार दिन पूर्व विधायक रत्नाकर मिश्र पहुंचे थे घर
मिर्जापुर।
जनपद के आरएसएस के प्रथम खंड कार्यवाह स्वर्गीय अमर नाथ गुप्त अग्रहरि की वयोवृद्ध पत्नी एवं कंपोजिट स्कूल कोलाही विकास खंड छानबे के प्रधानाध्यापक डॉ रविश कुमार अग्रहरि, भारत सरकार के नोटरी श्रीश अग्रहरि, विशेष सुरक्षा वाहिनी लखनऊ में कार्यरत राकेश अग्रहरि की माता जी श्रीमती शांति देवी का मंगलवार को देर शाम उनके विजयपुर पुरानी बाजार स्थित आवास पर निधन हो गया। बता दें कि संघ कार्य के दौरान विजयपुर में राजनाथ की रसोई बनाने बनाने का कार्य ‘अनाथ’ की पत्नी ‘शांति भाभी’ ही किया करती थी।
उनके निधन से उनके शुभचिंतकों, इष्टमित्रो एवं नात रिश्तेदारों में शोक की लहर दौड़ गयी सैकड़ों की तादात में पहुंचे लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। बुधवार को उनकी अन्तिम यात्रा पुरानी बाजार विजयपुर से बाजे गाजे के साथ निकली और रामगयाघाट शिवपुर में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके बड़े पुत्र एवं कंपोजिट विद्यालय कोलाही के प्रधानाध्यापक डॉ रविश अग्रहरि ने मुखाग्नि दी। शिवपूर गंगा घाट पर भी अंतिम संस्कार में लोगों का हुजूम उमर पड़ा
         बता दें कि संघ कार्य के दौरान उन दिनों देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बतौर संघ दायित्वधारी जब 96 क्षेत्र मे आते थे, तो विजयपुर की रसोई में ही भोजन होता था। स्वर्गीय अमरनाथ गुप्त के पुराने संबंधो और शांति भाभी के हाथ का बाटी चोखा को रक्षामंत्री ने वर्ष 2017 में तत्कालीन गृह मंत्री  राजनाथ सिंह के रूप मे भाभी शांति देवी का इलाज  एम्स दिल्ली में उनके ही देखरेख मैंं हुआ था। जिसकी बजह से उन्हें काफी राहत मिली, और शायद उसी ट्रीटमेंट के बल पर राजनाथ की शांति भाभी 2022 तक का सफर पूरा कर सकी।
  उल्लेखनीय है कि मृत्यु से पूर्व पिछले दिनों शांति देवी ने अपने पति स्वर्गीय अमर नाथ गुप्त ‘अग्रहरि’ की प्रतिमा गैंपूरा चौराहे पर लगाने और चौराहे को ‘अमर चौक’ घोषित करने की मांग करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को पत्र भेजकर अपनी अंतिम इक्षा व्यक्त किया था। बता दें कि शांति देवी के निधन से चार दिन पूर्व नगर विधायक विंध्य धाम मिर्जापुर पंडित रत्नाकर मिश्र भी आवास पर पहुंचकर हाल जाना था।
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