ज्ञान-विज्ञान

बंद कमरे में अंगीठी, हीटर या ब्लोअर जलाना  हो सकता है जानलेवा

मिर्जापुर।  
विज्ञान एवम प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा संचालित जिला विज्ञान क्लब मिर्ज़ापुर द्वारा ऑन लाइन कार्यशाला के माध्यम से बाल वैज्ञानिको एवम आमजन को बंद कमरे में अंगीठी या हीटर जलाना स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है,पर जानकारी दी गयी। जिसमे126 बाल वैज्ञानिक, अध्यापक, आमजन ने प्रतिभगिता की।                               
       जिला विज्ञान क्लब समन्यवक सुशील कुमार पांडेय ने कहा कि  कड़ाके की पड़ रही ठंड से बचने के लिए लोग कोयले की अंगीठी, हीटर या ब्लोवर जला रहे है। कोयले की अंगीठी व हीटर जानलेवा भी हो सकते है। कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस अंगीठी में कोयले या लकड़ी जलाते समय निकलती हैं। इसे बाहर खुले में जलाया जाता है तो नुकसान नही होता क्योंकि वहां पर पर्याप्त ऑक्सीजन बाहर मौजूद होती है। लेकिन इसे घर के भीतर बंद कमरे में जलाते है तो वहां पर ऑक्सीजन कम होती है। जिससे कार्बन मोनो ऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता हैं। ब्रेन पर कार्बन का असर होता है। इंसान इससे अचानक बेहोश हो जाता है और मौत दम घुटने से हो जाती है।
इस तरह की घटनाएं आजकल पेपर में पढ़ने को मिल रही है। इस लिए हम सभी को सजग रहने की जरूरत है। बंद कमरे में कोयला ही नही ब्लोवर व हीटर भी काफी लंबे समय तक जलाने से कमरे का तापमान बढ़ जाता है जिसकी वजह से कमरे की नमी कम हो जाती है और ऑक्सीजन भी कम हो जाती है, जिसकी वजह से सास लेने में दिक्कत होने लगती है।       
                                विशेषज्ञ डॉक्टर यस पी शुक्ल ने कहा कि अंगीठी जलाते समय पूरी तरह से कमरा बंद नही होना चाहिए। इससे धीरे धीरे कमरे का ऑक्सीजन खत्म हो जाता है और कार्बन मोनो ऑक्साइड सास के जरिये फेफड़ो तक पहुच कर खून में मिल जाती है।इस वजह से खून में हीमोग्लोबिन का लेबल घट जाता है और अंत मे इंसान की मौत हो जाती है।अगर कमरे में एक से ज्यादा लोग सो रहे है तो ज्यादा देर तक आग जलाकर कमरे में न रखे क्योंकि ऑक्सीजन और अधिक मात्रा में कम होने लगता है।
 डॉक्टर जे के पांडेय ने कहा कि बंद कमरे में अंगीठी भूल से भी न जलाए। अगर अंगीठी जलाते है तो खिड़की या दरवाजे को थोड़ा सा खोलकर रखे, जिससे कि कमरे में ऑक्सिजन की कमी न हो।वेंटिलेशन का जरूर ध्यान रखे। घर मे हीटर या ब्लोवर जलाते समय खिड़की या दरवाजे को थोड़ा अवश्य खुला रखे, जिससे ऑक्सिजन की कमी न हो।लकड़ी को बंद कमरे में जलाकर कभी भी न रखे।दम घुट सकता है और जान भी जा सकती है।अगर आप बंद कमरे में  हीटर या ब्लोवर जला रहे है तो एक बाल्टी पानी भरकर कमरे के कोने में रखे जिससे कमरे में नमी बनी रहे, ऑक्सिजन का लेवल कम न हो।बंद कमरे में कोयला , हीटर आदि जलाने से आंखों में भी परेशानी हो सकती है।सास एवम किडनी के पेशेंट अंगीठी से अधिक परहेज करें। कार्यक्रम के समापन सत्र में जिला समन्यवक सुशील कुमार पांडेय ने सभी बाल वैज्ञानिको एवम लोगो का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ये जानकरी अपने आस पास के लोगो को जरूर दे जिससे लोग इस तरह की भूल न करे, क्योकि इस समय इस तरह की घटनाएं ज्यादा होती हैइन जानकरी से ही हम सभी लोगो के जीवन को बचा सकते है।
Banner VindhyNews
error: Right Click Not Allowed-Content is protected !!