0 घाट आफिस और इलेक्ट्रिकल रूम से आकस्मिक नियंत्रण
0 अप्रैल तक बनकर हो जाएगा तैयार
मिर्जापुर।
पतित पावनी गंगा तट पर स्थित नक्काशीदार पत्थरों वाले पक्काघाट की तरह ही, शहर कि एक और घाट विकसित किया जा रहा है। अप्रैल महीने तक दूधिया रोशनी के बीच नगरवासियो के लिए हल्के गुलाबी पत्थरो वाला आकर्षक फतहा घाट भी बनकर तैयार हो जाएगा। जहा काशी के ‘नमो घाट’ की तरह शौचालय, पेयजल, प्रकाश सहित यात्री सुविधाए मयस्सर रहेगी। गंगा मे बाढ होने पर वीव प्लेस से लोग बाढ के नजारे का भी दीदार कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि लगभग 9.5 करोड़ की लागत से फतहा स्थित पुलिस अधीक्षक आवास के ठीक सामने गंगा किनारे लगभग 68.210 मीटर (223.786 फीट) लंबे और 72.450 मीटर (237.7 फीट) चौडे गंगा घाट का निर्माण कार्य प्रगति पर है। घाट पर कई तरफ से सिढिया और स्नान हेतु प्लेटफार्म बना दिए गये है। प्लेटफार्म की लंबाई इतनी बेहतरीन दी गयी है कि जल स्तर काफी नीचे होने के बाद भी लोगो के डूबने का खतरा नही रहेगा। लोग घाट के प्लेटफार्म पर ही स्नान कर सकेंगे और रेलिंग पकड़कर भी स्नान कर सकेंगे।
बीच बीच मे कुल सात वीविंग डेक (दर्शक) प्वाइंट बनाया जा रहा है, जिसमे से तीन अष्टकोणीय होगे। यहा खडे होकर गंगा की छटा का लोग दीदार कर सकेगे और सेलफी भी ले सकेंगे। इसक साथ ही पार्किंग प्लेस सहित महिलाओ को कपडे बदलने के लिए चेंजिंग रूम भी स्थापित किये जा रहे है। यह प्रवेश क्षेत्र के नीचे होगा। घाट पर सायंकाल के समय सुरक्षा की दृष्टि से दूधिया रोशनी वाले हाई मास्क लगाये जाएगे। इसके साथ ही शुद्ध पेयजल और टायलेट की भी व्यवस्था रहेगी।
खास बात यह कि जो नयी तकनीकी का तीन टायलेट बनेगा, वह गंगा किनारे ही बनेगी और केमिकल के माध्यम से उसे पानी मे कन्वर्ट कर बगल मे बनाये गये टैंक मे ले जाया जाएगा। नियंत्रण के लिए घाट आफिस और इलेक्ट्रिकल रूम भी होगा। मिर्जापुर से कछवा मार्ग पर सडक किनारे स्थित होने के कारण इस घाट पर बरबस ही आने जाने वाले लोग आकर्षित होगे।
अप्रैल मे बनकर तैयार हो जाएगा फतहा घाट: प्रोजेक्ट मैनेजर कैलाश सिंह
कार्यदायी संस्था यूनिवर्सल कॉन्ट्रैक्टर्स एंड इंजिनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर कैलाश सिंह ने बताया कि फरवरी 2022 मे शुरू हुआ हल्की गुलाबी पत्थरों से तैयार हो रहे मिर्जापुर का सबसे बड़े फतहा घाट अप्रैल माह तक पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। बताया कि खास प्रकार के गुलाबी पत्थरों वाले सीढियों और घाट की फिनिशिंग होने के बाद यह घाट मिर्जापुर का अद्वितीय घाट होगा। और लाइटिंग के बाद दूधिया रोशनी के बीच हल्की गुलाबी घाट लोगो के लिए आकर्षण का केन्द्र बनेगा।
पूर्व डीएम सुशील पटेल और एडीएम यूपी सिंह ने की थी पहल
बता दे कि लगभग ढाई साल पहले पूर्व जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल अपने मिर्जापुर कार्यकाल के दौरान जब अपने आवास से आ रहे थे तो उनकी नजर एसपी आवास के सामने स्थित फतहां घाट पर पड़ी। वे वहां रूक गए और नमामि गंगे के अधिकारियों को तलब किया। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अधिकारियों के साथ जिलाधिकारी, तत्कालीन जिलाधिकारी यूपी सिंह ने अन्य अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने घाट के सौन्दर्यीकरण की स्वीकृति प्रदान करते हुये नमामि गंगे प्रोेजेक्ट के तत्कालीन अधिकारी तनवीर से तत्काल प्रस्ताव मांगा। प्रोजेक्ट बनाकर जिलाधिकारी श्री पटेल के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा गया। जहां से स्वीकृति के बाद घाट पर निर्माण कार्य प्रारम्भ हो सका।