धर्म संस्कृति

कंतित उर्स के तीसरे दिन भी उमड़े जायरीन: जायरीनों की खिदमत और सवाब की गरज से कई संस्थाओं द्वारा लंगर का चलता रहा दौर

मिर्जापुर।

झोली फैलाने वालों की मुरादें कंतित शरीफ के दर पर अवश्य पूरी होती हैं। यही आस लेकर सालाना उर्स के तीसरे दिन सोमवार को बाबा की दर पर जायरीनों का जत्था उमड़ पड़ा। दरबार में हर एक का दर्द लफ्ज बनकर आंसुओं के साथ निकल रहा था। यह नजारा था हजरत ख्वाजा इस्माइल चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह (कंतित शरीफ) के सालाना उर्स मुबारक के तीसरे दिन का दरगाह पर सोमवार को दिन भर चादर चढ़ाने और मन्नतें मांगने वालों का तांता लगा रहा। दूरदराज से आए बड़ी संख्या में जायरीनों ने उर्स के तीसरे दिन दरबार में शीश नवाकर मन्नतें मांगी। चादर पोशी करने के लिए जायरीनों की आस्था भारी पड़ी। देर रात तक माहौल में सिर्फ अल्लाह की सदाएं भी गूंजती रहीं। कंतित उर्स मुबारक के दौरान जायरीनों की खिदमत और सवाब की गरज से कई संस्थाओं द्वारा लंगरों का दौर भी अनवरत चलता रहा।

कंतित शरीफ के दरबार में जब नमाज के बाद दुआ के लिए हाथ उठे तो आमीन की सदाएं फिजां में गूंज गई। बाबा के मजार पर जायरीनों की तरफ से चादरपोशी व गुलपोशी का सिलसिला देर रात तक अनवरत जारी रहा। मेला क्षेत्र में विभिन्न अंजुमनों व संस्थाओं और मानिंद लोगाें की तरफ से दूर-दराज से आए जायरीनों को पानी एवं शरबत पिलाने के लिए स्टाल भी लगाए गए थे। अपनी मन्नतें और मुरादें लेकर कंतित शरीफ के दरबार में पहुंचे जायरीनों ने शीश झुकाकर मन्नतें मांगी। मेला क्षेत्र में लगी दुकानों पर नर-नारियों सहित बच्चों ने जमकर खरीदारी किया। विशाल मेले में लगे तरह-तरह के झूलें हों या जादू का खेल बच्चे तो बच्चे बड़ों में भी इसके लिए दीवानगी देखी जा रही थी। सालाना उर्स के मौके पर पूरे मेला क्षेत्र की विद्युत झालरों से की गई आकर्षक सजावट देखते ही बन रही थी।

कंतित उर्स मेले के दौरान एसडीएम सदर ने मेले का भी निरीक्षण किए निरीक्षण के दौरान नगरपालिका संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि मेला क्षेत्र में बेहतर साफ सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखा जाए मजार के पास डस्टबिन रखे जाएं मेला क्षेत्र में साफ सफाई पानी बिजली की व्यवस्था दुरुस्त रखने का निर्देश भी दिए।
इंतजामियां कमेटी की ओर से आने वाले जायरीन को छोटे-छोटे बच्चे मेला क्षेत्र में भटके हुए परिजनों को मिलाने के लिए एलाउंसमेंट के माध्यम से मिलाए गए वही पूर्वांचल एवं बिहार से बड़ी संख्या में जायरीन बाबा के दर पर चादर पोशी करने के लिए पहुंचे।

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