मिर्जापुर।
उत्तर प्रदेश कौशल विकास योजनान्तर्गत जिला कारागार में कौशल विकास द्वारा बन्दियों को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण दिलाये जाने के दृष्टिगत जिलाधिकारी दिव्या मित्तल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आहूत की गयी। बैठक में सी0जे0एम0 रत्नेश श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 शिव प्रताप शुक्ल, जेल अधीक्षक, जिला विकास अधिकारी श्रवण कुमार राय, परियोजना निदेशक डी0आर0डी0ए0 अनय मिश्रा के अलावा जिला कार्यक्रम प्रबन्धक इकाई के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहें।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा जेल अधीक्षक को निर्देशित करते हुये कहा कि कारागार में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये उचित कक्ष की व्यवस्था तथा कैदियों की इच्छित ट्रेड में कांउसलिंग कराते हुये बैच/समूह का निर्माण किया जाय। बैच/समूह का निर्माण करते हुये समय कैदियों के आवश्यक दस्तावेज एवं फोटो प्रशिक्षण प्रदाता को उपलब्ध कराया जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशिक्षण में उपस्थिति दर्ज कराने के लिये बायोमैट्रिक उपस्थिति के लिये आधार का होना भी आवश्यक किया जाय।
उन्होने प्रशिक्षण प्रदान करने वाले चयनित प्रशिक्षण प्रदाताओं की सूची जेल अधीक्षक को उपलब्ध करा दी जाय। बैठक में बताया गया कि कैदियों को कम्प्यूटर प्रशिक्षण, इलेक्ट्रीशियन, इलेक्ट्रिक सहित विशेषकर महिला कैदियों को ब्यूटीशियन, सिलाई, कढ़ाई सहित कम्प्यूटर का भी प्रशिक्षण दिलाया जाय ताकि यहां निकलने के बाद स्वरोजगार के अवसर प्राप्त कर सकें। बैठ में यह भी बताया गया कि पंजीकृत कैदियों का मूल्यांकन किया जाय तथा मूल्यांकन के उपरान्त ही उत्र्तीण कैदियों को प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जायेगा। बन्दी कैदियों की अवधि (कोर्स की अवधि के अनुसार) कम से कम तीन माह से छः माह तक होना चाहियें।