मिर्जापुर।
जिले की कुल जनसंख्या के 20% को लक्ष्य करते हुए 20 फरवरी से 3 मार्च तक दो चरण में प्रारंभ हो रहे अज्ञात टीबी रोगी खोजी विशेष अभियान (एसीएफ) के तहत स्वास्थ्य कर्मियों को अपने अपने कार्य क्षेत्र से अभी तक विभाग के संज्ञान में ना आने वाले समस्त टीबी रोगीयों को खोज निकालने हेतु प्रशिक्षित करने का कार्य क्षय विभाग द्वारा प्रारंभ कर दिया गया है। शुक्रवार को विकास खंड कोन मे क्षय विभाग के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर सतीश शंकर यादव द्वारा उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों को टीबी के संपूर्ण लक्षणों से परिचित कराते हुए उपरोक्त अवधि में उनके द्वारा निभाए जाने वाले समस्त जिम्मेदारियों के विषय में विस्तार से बताते हुए सम्मानजनक परिणाम लाने की आशा जताई गई।
सतीश यादव द्वारा इस आगामी दस दिवसीय टीबी रोगी खोजी कार्यक्रम के विषय में विस्तार पूर्वक बताते हुए कहा गया कि कार्यक्रम के दौरान शहरी एवं ग्रामीण, मलिन बस्ती वह हाइरिक्स जनसंख्या के साथ-साथ अनाथालय, वृद्धा आश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय, कारागार, सब्जी मंडी, ईट भट्टे, स्टोन क्रेशर, खदानों, आदि स्थानों को विशेष रूप से चिन्हित किया गया है। उन्होंने ने बताया कि इस घर घर टीबी रोगी खोजी अभियान को सफल बनाने हेतु लगभग 180 (तीन सदस्यी) टीम व36 सुपरवाइजर के साथ-साथ मेडिकल ऑफिसर्स आदि भी योजना में अपना योगदान दे रहे हैं।
साथ ही यह भी कहा कि इस विशेष योजना के तहत जांचोपरांत पाए जाने वाले क्षय रोगियों को 48 घंटे के अंदर उपचार पर लाते हुए नि:क्षय पोषण योजना से लिंक कर दिया जाएगा। चिल्ह एसटीएस राजनाथ द्वारा उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों को प्रतिदिन फील्ड की प्राप्त रिपोर्ट प्रेषित करने के संदर्भ में विस्तार पूर्वक समझाया गया। आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में चिल्ह के पूर्व एसटीएस प्रदीप कुमार के साथ-साथ एसटीएलएस मनीष कुमार श्रीवास्तव, एलटी आशुतोष कुमार आदि उपस्थित रहे।