जन सरोकार

डीएम ने पेयजल समस्या के निदान हेतु ब्लाक प्रमुख सहित अधिकारियों के साथ बैठक कर दिया आवश्यक दिशा निर्देश

0 पानी के बरबादी को रोकने की भी जिलाधिकारी द्वारा जनपदवासियों की गयी अपील

0 पेयजल संकट के समाधान पर प्राथमिकता पर कार्य करने की आवश्यकता

0 आपदा में अवसर न तलाशें अधिकारी -जिलाधिकारी

0 पानी से अधिक मानव जीवन कोई मुद्दा नही

मीरजापुर। 

जनपद में आगामी गर्मी के दिनों में पेयजल समस्या के सम्भावनाओं के दृष्टिगत उसके समाधान हेतु जिलाधिकारी दिव्या मित्तल, मुख्य विकास अधिकारी श्रीलक्ष्मी वीएस, अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे अमरेन्द्र कुमार वर्मा, वि0/रा0 शिव प्रताप शुक्ल सहित ब्लाकों ब्लाक प्रमुख व सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक कर पेयजल समस्या के समाधान करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिया।

जिलाधिकारी ने सर्वप्रथम बैठक में उपस्थित जन प्रतिनिधियों एवं जनपद के नागरिकों से अपील करते हुये कहा कि पानी के बरबादी को रोके, घरों में पानी की टोटियों को अनावश्यक न खोले, अनावश्यक रूप से समरसेबुल न चलायें ताकि पानी की बरबादी को रोका जा सकें। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद के प्रभावित विकास खण्डांे में पेयजल संकट होने की सम्भावना न हो इसके लिये सभी खण्ड विकास अधिकारी अपने-अपने विकास खण्डों के ग्राम सभाओं में हैण्डपम्पों को चिहिन्त करते हुये यह सुनिश्चित करे कि कौन सा हैण्डपम्प अधिक समय तक चालू रहता है।

उन्होने कहा कि प्रत्येक मजरे में ऐसी व्यवस्था बनायी जाय कि कम से कम एक हैण्डपम्प अवश्य चालू हों। जिलाधिकारी ने कहा कि पेयजल समस्या के समाधान पर प्राथमिकता पर अधिकारी कार्य करें इस कार्य में आपदा के दौरान बहाने बाजी के अवसर तलाशना बन्द करंे अन्यथा सम्बन्धित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
जिलाधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि अपने विकास खण्ड अन्तर्गत सबसे अधिक पेयजल संकट से प्रभावित होने वाली ग्राम पंचायतो की सूची तैयार कर लें।

विगत वर्ष गर्मी के मौसम में जो ग्राम पंचायते पेयजल समस्या से सबसे अधिक प्रभावित थी उन पर विचार करते हुए उन गांवों के समस्त मजरों में जहाँ हैण्डपम्प स्थित है, उसका नजरी नक्शा सम्बन्धिम सचिव ग्राम पंचायत द्वारा तैयार करा लिया जाये। गर्मी के दिनों में इन ग्राम पंचायतों में कितने हैण्डपम्प अब तक खराब हुए और निकटतम भविष्य में कितने हैण्डपम्पों के पानी छोड़ने की सम्भावना है, उसकी सूची बना लें। पेयजल संकट ग्राम पंचायतों में खराब हैण्डपम्पों की मरम्मत न करके उसमें सबमर्सेबुल लगवाने, रिबोर कराने अथवा टेैंकर से जलापूर्ति कराने हेतु कार्ययोजना तैयार करें। तत्कालीन ग्राम प्रधान से वर्तमान ग्राम प्रधान को टैंकरों की सुपुर्दगी सुनिश्चित करायें। एक मजरे में सभी खराब हैण्डपम्पों की मरम्मत न करके किसी एक केन्द्रीयकृत हैण्डपम्प की मरम्मत कराते हुए मजरे की समस्त आबादी को पेयजल उपलब्ध कराने पर विचार करें।

यदि 2-3 ग्रामसभा में टैंकरों की आवश्यकता हो परन्तु छोटा ग्रामसभा होने के कारण पर्याप्त धनराशि उपलब्ध नहीं है, तो खण्ड विकास अधिकारी, इसका परीक्षण कर क्षेत्र पंचायत से टैंकर क्रय करने पर विचार करें। जहाँ ग्राम पंचायत या क्षेत्र पंचायत के माध्यम से पानी के संकट का समाधान नहीं निकल पा रहा हो, यहाँ सी0एस0आर0 के माध्यम से धनराशि उपलब्ध कराने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करें। यदि ग्राम पंचायत के पास एक ही टैंकर है परन्तु 02 या उससे अधिक मजरें है, जहाँ पानी की आपूर्ति करना है तब वहाँ पर पानी की उपलब्धता हेतु फाइबर की टंकी स्थापित कराने पर विचार करें। जिला एवं विकास खण्ड स्तर पर लपलाइन स्थापित कर दिया जाये और अगले दो-तीन महीनों में वित्त आयोग की धनराशि से प्राथमिकता के आधार पर पेयजल की व्यवस्था हेतु धनराशि खर्च करने पर ग्राम पंचायत एवं क्षेत्र पंचायत विचार करें।

उन्होने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि टैंकरों में पानी भरने के लिये स्थल का चिन्हाकंन तथा गांव में टंैंकर पहुचाने हेतु प्रति किलोमीटर की दर से टैंक्ट्ररों का किराया निर्धारित करना सुनिश्चित करें। बैठक में ब्लाक प्रमुख सिटी, मझवा, जमालपुर, नरायनपुर, राजगढ़, लालगंज, उप जिलाधिकारी लालगंत/संयुक्त मजिस्ट्रेट नवनीत सेहारा, मड़िहान अश्वनी कुमार सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी अरविन्द कुमार, जिला विकास अधिकारी श्रवण कुमार राय सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहें।

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