मिर्जापुर।
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत शासन स्तर से सक्रिय टीबी रोगी खोजी अभियान जनपद में 20 फरवरी से चल रहा है। अभियान के तहत जनपद के 20% जनसंख्या को टारगेट करते हुए शहरी एवं ग्रामीण मलिन बस्ती वह हाइड्रिक्स जनसंख्या के साथ-साथ अनाथालय, वृद्धा आश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, मदरसा, नवोदय विद्यालय, कारागार, ईट भट्ठा, स्टोन क्रेशर प्लांट, खदानें सब्जी मंडी आदि को लक्ष्य करते हुए छिपे टीबी रोगी खोजने का कार्य क्षय विभाग द्वारा किया जा रहा है।
इसी क्रम मे मंगलवार 21 फरवर को जिला कारागार मिर्जापुर में क्षय विभाग के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर सतीश शंकर यादव के नेतृत्व में विभागीय टीम द्वारा जेल के सात बैरक में निरुद्ध 432 बंदियों का स्क्रीनिंग किया गया। स्क्रीनिंग के दौरान कुल पांच संदिग्ध टीबी रोगी पाए गए, जिनको तत्काल मौके पर ही बलगम जांच कराने हेतु स्पूटम कप दिया गया।
डीसी सतीश यादव द्वारा बंदियों के बीच टीबी के समस्त लक्षणों से परिचित कराते हुए कहा गया कि पाए गए टीबी रोगी को जांचोपरांत 48 घंटे के अंदर इलाज शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही रोगी को पोषण योजना के तहत ₹500 प्रतिमाह पूरे इलाज अवधि तक उसके खाते में दिया भी जाएगा।
अंत में यादव द्वारा बंदियों से मानवी अपील भी की गई कि आप सभी यहां से मुक्त होने के पश्चात अपने आसपास किसी भी अन्य व्यक्ति को लक्षण प्रभावित पाते हैं तो उन्हें सरकारी अस्पताल में लाभ दिलाने में मार्गदर्शन करते हुए अपने व अपने घर परिवार के साथ साथ समाज को सुरक्षित बनाए रखने में अपनी अहम भूमिका निभाते हुए इस गंभीर बीमारी को 2025 तक भारत देश से पूर्णरूपेण समाप्त करने के लक्ष्य में सहयोगी बनें। कार्यक्रम के दौरान संध्या गुप्ता डीपीसी, डिप्टी जेलर सुभाष यादव, फार्मासिस्ट श्याम नारायण बिंद, पंकज सिंह, अवध बिहारी कुशवाहा, अंशुमान द्विवेदी उपस्थित रहे।