मिर्जापुर।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के आदेशानुसार दिनांक 4 मार्च से 11 मार्च 2023 तक अन्तर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह के अवसर पर महिलाओं के हितार्थ एवं अधिकार की जानकारी हेतु विधिक जागरूकता कार्यक्रमों को मुख्यालय से लेकर तहसील स्तर तक आयोजित करने का का आदेश प्राप्त हुआ है।
अन्तर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह के अवसर पर ” बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं एवं महिलओं के हित व संरक्षण का उद्घोश करते हुए” आज दिनांक 4-3-2023 को सी.एम.ओ. कार्यालय में स्थित स्वामी विवेकानन्द सभागार में महिलाओं की समस्याओं के समाधान हेतु उपलब्ध तंत्र- पुलिस, प्रशासन, और न्यायिक व्यवस्था में उपलब्ध समाधान के उपाय तथा भारतीय दण्ड संहिता 1860, दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 घरेलू हिंसा निवारण अधिनियम 2005 इत्यादि एवं पी०सी०पी०एन०डी०टी० एक्ट के तहत के उन प्रावधानों से अवगत कराना है।
जो महिलाओं एवं बालिकाओं के हित में संरक्षण हो विषय पर अपर जिला जज.एफ.टी.सी./ सचिव डी.एल.एस.ए. श्री लाल बाबू यादव ने उपस्थित नर्स, ए. एनम आगंवाड़ी कार्यकत्रियों, आशा बहुओं, महिला समूह की महिलाओं को सम्बोधित करते हुए बताया कि महिलाओं के हित व संरक्षण के लिए विभिन्न कानून भारतीय दण्ड संहिता 1986 में धारा-326ए एवं 326बी जोड़कर वर्ष 2013 में अम्लीय हमले से शारीरिक क्षति के अपराध में आजीवन करावार तक के दण्ड का प्रावधान किया है। इसी प्रकार वर्ष 2013 में ही संशोधन करके धारा-376 धारा-376ए, 376बी. एवं 376ई जोडकर बलात्कार के कतिपय मामलों में मृत्युदण्ड का प्रावधान किया गया है।
इसके अतिरिक्त यह भी प्रावधान किया गया है कि बलात्कार संबंधी अपराधों में आजीवन कारावास का तात्पर्य शेष प्राकृतिक जीवन भर का कारावास होगा। महिलाओं के संरक्षण हेतु और भी कानून बनाये गये है जैसे- महिलओं का घरेलू हिंसा से सरंक्षण अधिनियम-2005, दहेज प्रतिषेध कानून-1961, बच्चियों / बच्चों का लैंगिक अपराधों से संरक्षण अधिनियम (पॉक्सों 2012 महिलाओं का कार्यस्थल पर यौन शोषण (निवारण प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम 2013 एवं पूर्व गर्भाधान और प्रसवपूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम-2006, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006, गिरफ्तारी से पूर्व गिरफ्तारी के समय एवं उसके बाद महिलाओं के अधिकार के सन्दर्भ में विस्तृत जानकारी दिये।
शिविर में प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी डा० यू0एन0 सिंह एवं PCPNDT के नोडल डा० गुलाब वर्मा ने नर्स ए. एनम् आगंवाड़ी कार्यकत्रियों, आशा बहुओं, महिला समूह की महिलाओं को सम्बोधित करते हुए बताया कि PCPNDT Act अधिनियम-1994 के तहत कन्या भ्रूण हत्या की रोक थाम के लिए बनाया गया है। जनपद मुख्यालय एवं सभी तहसील स्तर पर चलाये जा रहे कुल 25पंजीकृत अल्ट्रासाउण्ड पैथोलाजी सेन्टर है जिन्हे समय समय पर निरीक्षण नामित चिकित्सक द्वारा किया जाता है। यदि किसी सेन्टर पर कन्या भ्रूण लिंग परीक्षण तो नहीं किया जा रहा है यदि ऐसा पाया जाता है तो कानूनी कार्यवाही की जाती है उन्होंने यह भी जानकारी दी कि विन्ध्याचल मंडल में बाल लिंगाअनुपात मीरजापुर में 929 के सापेक्ष 902 है जबकि यह अनुपात ऋणात्मक है। शिविर में उपस्थित नर्स, ए. एनम, आगवाड़ी कार्यकत्रियों, आशा बहुओं, महिला समूह की महिलाओं की समस्याओं को सूना गया और त्वरित निदान एवं सुझाव दिये गयें।
शिविर में दीपक कुमार श्रीवास्तव, पी.एल.वी. श्रीमती कल्पना यादव, जय प्रकाश सरोज, प्रदीप श्रीवास्तव, श्री कृष्ण कुमार, राजेन्द्र कुमार मिश्रा एवं जिला अस्पताल के नर्स, ए.एनम एवं आगंवाड़ी कार्यकत्रियों, आशा बहुओं, महिला समूह की महिलाओं ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया।