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जिलाधिकारी दिव्या मित्तल की पहल: विन्ध्याचल में होगा घाटों का निर्माण व सौन्दर्यीकरण

मिर्जापुर।

विन्ध्याचल धाम में माँ विन्ध्यवासिनी देवी का मन्दिर मीरजापुर शहर में गंगा नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है। मीरजापुर के पावन धरती पर विन्ध्याचल में चैत्र व शारदीय नवरात्र में मेला का आयोजन प्रत्येक 6 माह के अन्तराल पर होता है। नवरात्र मेला के दौरान पर यहाँ पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान कर माँ विन्ध्यवासिनी देवी का दर्शन पूजन करते है। गंगा नदी में स्नान हेतु पर्याप्त घाट उपलब्ध नही है और न ही आने-जाने हेतु पहुँच मार्ग है। जिससे श्रद्धालुओं को काफी ज्यादा कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

उक्त के दृष्टिगत जनपद मीरजापुर में विन्ध्याचल स्थित माँ विन्ध्यवासिनी देवी के धाम में उत्तर दिशा में गंगा नदी के दीवान घाट व अखाड़ा घाट के मध्य दाहिने किनारे पक्का स्नान घाट एवं पाथवें के निर्माण कार्य हेतु जिलाधिकारी दिव्या मित्तल द्वारा मुख्यमंत्री जी को समस्या से अवगत कराया गया था, जिसके क्रम में पर्यटन विभाग को घाटों के सौन्दर्यीकरण व पक्का स्नान घाट निर्माण हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया गया, तत्क्रम में पर्यटन विभाग द्वारा उक्त की स्वीकृति प्रदान की गयी हैं।

घाटों के सौन्दर्यीकरण व पक्का स्नान घाट निर्माण हेतु धनराशि रू0 7767.62 लाख की स्वीकृति प्रदान करते हुये कान्स्ट्रक्शन एण्ड डिजाइन सर्विसेज (सी0एण्ड डी0एस0) उ0प्र0 जल निगम कार्यदायी संस्था नामित की गयी हैं। कार्यदायी संस्था के अवर अभियन्ता ने बताया कि श्रद्धालुओं के स्नान हेतु अखाड़ा घाट से दीवान घाट तक 600.00 मीटर लम्बाई में पक्के घाट के निर्माण में लाचिंग एप्रन, रिटेलिंग वाल, पाइलिंग, आर0सी0सी0 स्टेप एवं प्लेटफार्म का निर्माण कार्य कराया जायेगा।

उन्होने बताया कि 10.00 मीटर चैड़ाई एवं 1400.00 मीटर लम्बाई में श्रद्धालुओं व प्रशासन के आवागमन हेतु पाथवे का निर्माण कार्य, पाथवे की सुरक्षा हेतु लाचिंग एप्रन एवं स्टोन बोल्डर पिचिंग का कार्य, वर्षा से आने वाले पानी के निकासी हेतु साइड ड्रेन के निर्माण का कार्य, रिवर फ्रन्ट डेवलपमेन्ट का कार्य, घाट एवं पाथवे पर पर्याप्त प्रकाश की समुचित व्यवस्था आदि कार्य किया जायेगा।

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