0 बहुभाषी कवि सम्मेलन का किया गया आयोजन
मीरजापुर।
जनपद के रतनगंज स्थित गुरूनानक गर्ल्स इण्टर कॉलेज के गुरूद्वारा सभागार में उ०प्र० पंजाबी अकादमी के तत्त्वावधान में बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें जनपद एवं अन्य जनपदों से आये विभिन्न भाषा के कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से सामाजिक समरसता एवं भाषायी एकता का संदेश दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता गुरुनानक गर्ल्स इण्टर कॉलेज के प्रबन्धक धर्मपाल सिंह सरना ने की एवं कवि सम्मेलन का संचालन हिन्दी एवं भोजपुरी के सुप्रसिद्ध कवि लल्लू तिवारी ने किया।
कार्यक्रम का प्रारम्भ कार्यक्रम अध्यक्ष, उपस्थित कविगण, कार्यक्रम संयोजक- पंकज पाण्डेय,प्रबन्धक सिस मेरी किड्स स्कूल पीली कोठी, उ०प्र० पंजाब अकादमी के अरविन्द कुमार मिश्र द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया गया। कवि सम्मेलन का आरम्भ युवा कवि शुभम् श्रीवास्तव ओम द्वारा प्रस्तुत वाणी वंदना से हुआ।
काव्य पाठ के दौरान शुभम् श्रीवास्तव ओम ने अपनी व्यंग्यात्मक रचना सुनायी-
“काहे होते हो हलकान
सो जाओ अब चादर तान।”
कवि एवं इतिहासविद् डॉ० जितेन्द्र कुमार सिंह ‘संजय’ ने सुनाया-
” जय भारतम् जय भारतम् जय भारतम् जय भारतम्,
शोभित तलै तव पनिमलै मकुटम् मनोहर सुन्दरम् “
जौनपुर से आये अवधी भाषा के सुप्रसिद्ध छंदकार गिरीश श्रीवास्तव ‘गिरीश’ ने सुनाया-
“कुंज निकुंज गलीन लली संग, नन्दलला मिली खेलत होरी,
होरी में श्याम लगावत राधिका, राधे गुलाल लगावत छोरी।
गाजीपुर से पधारे भोजपुरी के सुप्रसिद्ध गीतकार डॉ० कमलेश राय ने अपने सुमधुर गीतों से उपस्थित श्रोताओं को भावविभोर किया। उन्होंने सुनाया-
” सवेरे-भोरे अब त चिरइयो न बोले
उजरि गइल सब महुआ बारी
निबियो न लउकेले बाबा दुवारी
पिपरा पतइयो न डोले”
संचालन कर रहे भोजपुरी एवं हिन्दी के ख्यातिलब्ध कवि लल्लू तिवारी ने पढ़ा-
“अश्क यूँ ही नहीं बहा होगा
आपने कुछ न कुछ कहा होगा।”
वरिष्ठ नवगीतकार ग़ज़लकार गणेश गम्भीर ने सुनाया-
“गुलाम लोग लाश होते हैं
अना गयी तो सिर गया भाई।”
इस दौरान पंजाबी के उपस्थित कवियों चरणजीत सिंह सोखी एवं भूपेन्द्र सिंह डंग ने हिन्दी-पंजाबी के अन्तर्सम्बन्धों पर चर्चा करते हुए काव्य पाठ किया। कार्यक्रम के अंत में उ०प्र० पंजाबी अकादमी के पीआरओ अरविन्द नारायण मिश्र ने समस्त उपस्थित विभूतियों के प्रति आभार ज्ञापित किया। इस दौरान जगजीत सिंह डंग, सुरेश पाण्डेय, केदारनाथ सविता, बेनू यादव, नन्दलाल, मंजू चौरसिया, इरफान कुरैशी समेत भारी मात्रा में श्रोतागण मौजूद रहे।