0 राम के चरित्र ने हमारे सामाजिक जीवन को उत्कृष्ट बनाया है- पं. रत्नाकर मिश्रा
0 आज राम का चरित्र स्थापित करना एक महत्वपूर्ण कार्य- भोलानाथ कुशवाहा
मिर्ज़ापुर।
अखिल भारतीय साहित्य परिषद के तत्वावधान में विंध्याचल में शुक्रवार को चुनार के कवि व शिक्षक भरत केसरी द्वारा लिखित पुस्तक ‘श्री राम काव्य’ का विमोचन मुख्य अतिथि नगर विधायक पं. रत्नाकर मिश्रा द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में सुभाष वर्मा, केदारनाथ सविता व रविशंकर पाण्डेय शामिल हुए। मंच पर पुस्तक के लेखक भरत केसरी व कार्यक्रम संयोजक राजपति ओझा रहे।
श्री रामकाव्य पुस्तक का विमोचन करने के बाद मुख्य अतिथि पं. रत्नाकर मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि राम के चरित्र ने हमारे सामाजिक जीवन को उत्कृष्ट बनाया है। राम को लेकर अनेक पुस्तकें लिखी गयी हैं जबकि उनका उद्देश्य लोगों में आदर्शवादी चरित्र की स्थापना ही रहा है। उन्होंने कहा कि भरत केसरी की काव्य कृति ‘श्री राम काव्य’ का मूल उद्देश्य भी यही है। अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा ने कहा कि आज के सामाजिक जीवन में राम का चरित्र स्थापित करना अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है क्योंकि इसके माध्यम से ही हम लोगों में चरित्र निर्माण कर सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि केदारनाथ सविता ने कहा भरत केसरी ने इस पुस्तक में सरल व सरस छंदों के माध्यम से लोगों तक राम कथा को पहुंचाने का कार्य किया है। विशिष्ट अतिथि सुभाष वर्मा ने रचनाकार को बधाई देते हुए कहा कि रामकथा हमारे जीवन को नया स्वरूप देने की कथा है। कार्यक्रम का संचालन कर रहे आनंद अमित ने विमोचित कृति के रचनाकार भरत केसरी को उनकी राम पर लिखी पुस्तक पर आभार व्यक्त किया और कहा कि यह पुस्तक अभी तक लिखी गयी रामकथा से, नई तरह से जुड़कर हम सबको अच्छा मानव बनने के लिए प्रेरित करती है।
कार्यक्रम के संयोजक व अखिल भारतीय साहित्य परिषद मिर्ज़ापुर के अध्यक्ष राजपति ओझा ने कहा कि विंध्याचल में इस पावन पुस्तक का विमोचन होना महत्वपूर्ण है। साहित्य लेखन का उद्देश्य समाज को उचित दिशा देना है जो की भरत केसरी ने किया है।
विमोचित कृति के रचनाकार भरत केसरी ने कहा कि राम के चरित्र ने मुझे हमेशा प्रभावित किया है। यह कृति उन्हीं को समर्पित है। इस दौरान भरत केसरी ने अपनी पुस्तक से कुछ छंदों का वाचन किया।
कार्यक्रम में श्री राम काव्य के लेखक भरत केसरी को हिंदी श्री सम्मान से सम्मानित किया गया। इस विमोचन के अवसर पर उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत व अभिनंदन कार्यक्रम संयोजक राजपति ओझा ने स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्रम से किया व अंत में उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में शंकर शरण उपाध्याय, मयंक, पवन प्रजापति आदि लोग उपस्थित रहे।