स्वास्थ्य

वैश्विक स्वास्थ्य की चुनौतियां एवं होम्योपैथी विषयक संगोष्ठी का आयोजन; वक्ताओ ने कहा- विकृत जीवन शैली वर्तमान मानव के लिए एक गंभीर समस्या, होम्योपैथी में रोग को नहीं बल्कि रोगी को ही ठीक किया जाता है

मिर्जापुर। 

स्वास्थ्य जनित नई चुनौतियों के साथ उन्ही लोगों का  अस्तित्व भविष्य में सुरक्षित रहेगा जिनमें इम्यूनिटी मजबूत होगी। उक्त उद्गार स्थानीय बसही स्थित समफोर्ड विद्यालय में आयोजित ” स्वास्थ्य की वैश्विक चुनौतियां एवं होम्योपैथी” विषयक संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता आरोग्य भारती के विंध्याचल विभाग संयोजक डॉ गणेश प्रसाद अवस्थी ने व्यक्त किया। 

  उन्होंने  ग्लोबल वार्मिंग से पिघल रहे ग्लेशियर जिसमें करोड़ों वर्षों से सुषुप्त वायरस के सक्रिय हो जाने, वैज्ञानिक अभिषाप जनित वर्तमान वायरस जो रोज अपना स्वरूप बदलते हुए एक चुनौती के रूप में खड़ा है  तथा विकृत जीवन शैली वर्तमान मानव के लिए एक गंभीर समस्या बनी हुई है।

इसमें उन्हीं लोगों का अस्तित्व भविष्य सुरक्षित रहेगा जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता पर्याप्त मात्रा में होगी। होम्योपैथी क्षमता को सहजता से बढ़ा देती है। साथ ही उन्होंने विद्यालय में संगोष्ठी आयोजित कराने के लिए प्रबंधक विवेक बरनवाल का आभार प्रकट किया।

 कार्यक्रम की शुरुआत भगवान धन्वंतरी एवं डॉ हैनिमैन के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। तत्पश्चात कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ टीएन द्विवेदी ने सबका स्वागत परिचय दिया तथा दंत एवं मुख्य स्वास्थ्य में इम्युनिटी की भूमिका पर प्रकाश डाला। डॉ संदीप श्रीवास्तव ने अपने विचार रखते हुए कहा कि होम्योपैथी में रोग को नहीं बल्कि रोगी को ही ठीक किया जाता है अर्थात होम्योपैथी इलाज से इम्यूनिटी को ही बहाल किया जाता है। आगे उन्होंने कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए डॉ हैनिमैन की जीवनी एवं होम्योपैथि की खोज तथा वैश्विक स्वास्थ्य की चुनौतियां एवं होम्योपैथी  पर प्रकाश डाला। 

डॉ विवेक सिंह ने रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आहार विहार संयम को रेखांकित किया। डॉ सर्वेश मिश्र ने मधुमेह एवं होम्योपैथी पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर डॉ सर्वेश मिश्रा एवं डॉ कविता मिश्रा को होम्योपैथिक के माध्यम से सेवा कार्य करने के लिए पाल्क संस्था के द्वारा सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। सैम्फोर्ड के प्रधानाचार्य शैलेश कुमार पांडेय ने आभार प्रकट किया। इस अवसर डॉ कविता मिश्रा, डॉ दीपशिखा श्रीवास्तव, डॉ अरविंद अवस्थी, रवि अग्रहरि, संगीता शर्मा, प्रीति दुबे, अनिल यादव, लवकुश शुक्ला, सतीश अग्रहरी, दानिश रजा, विशेष रूप से उपस्थित रहे। वैज्ञानिक संगोष्ठी में लगभग 200 विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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