मिर्जापुर।
हिंदी गौरव डॉ भवदेव पांडेय की 99वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि नगर विधायक रत्नाकर मिश्र ने कहा कि अपने शोध-परक लेखन से साहित्य-जगत के शीर्षस्थ समालोचकों में डॉ पांडेय ने स्थान बनाया। लेखकीय जगत में उनकी दृष्टि सदैव अधुनातन थी। डॉ पांडेय ने मिर्जापुर से साहित्य की गंगा प्रवाहित की।
नगर के तिवराने टोला स्थित डॉ पांडेय के आवास पर वैशाख पूर्णिमा की तिथि पर अयोजित जयंती समारोह में नगर विधायक ने उनके चित्र पर माल्यर्पण किया। इस अवसर पर डॉ भवदेव के पुत्र रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्विद्यालय, चित्रकूट के कुलपति डॉ शिशिर पांडेय ने कहा कि नई पीढ़ी को ज्ञान के प्रति निरन्तर समर्पित रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अध्ययन भी ईश्वरीय आराधना का अंग है।
इसी क्रम में आदर्श इंटर कालेज के अवकाश प्राप्त प्रधानाचार्य श्री वृजदेव पांडेय ने डॉ भवदेव पांडेय के जीवन के संघर्षों की चर्चा की तथा कहा कि वे कभी भी विपरीत परिस्थितियों से विचलित नहीं हुए। जबकि रेल राजभाषा अधिकारी यथार्थ पांडेय ने कहा कि जिस तरह विज्ञान नित नए आविष्कार में लगा है, उसी तरह साहित्य के क्षेत्र में भी नई व्याख्याओं तथा समीक्षाओं की जरूरत है। कार्यक्रम की अध्यक्षता अरविंद अवस्थी ने की।
वैशाख पूर्णिमा पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थिति आचार्य पं जगदीश प्रसाद द्विवेदी तथा राजन द्विवेदी ने स्वस्तिवाचन मन्त्रों का पाठ किया। कार्यक्रम में रवींद्र पांडेय, सन्तोष श्रीवास्तव, डॉ सुरेंद्र दुबे, शिवशंकर उपाध्याय, शिव शुक्ल, अनिल यादव आदि ने विचार व्यक्त किया। इस अवसर पर विंध्यवासिनी केसरवानी, जयराम शर्मा, टी एन शुक्ला, मनोज गुप्ता, मुन्ना तिवारी आदि उपस्थित थे। सन्चालन रमाशंकर शुक्ल तथा धन्यवाद सलिल पांडेय ने दिया।