चुनार, मिर्जापुर।
पर्यटन व स्थानीय उद्योग को बढ़ावा देने व चुनार दुर्ग के ऐतिहासिकता की जानकारी के लिए जुलाई माह में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के संबंध में जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने गुरुवार को चुनार दुर्ग स्थित डाक बंगले में नगर के प्रबुद्धजनों के साथ बैठक कर कार्यक्रम के रूपरेखा पर चर्चा किया।
इस दौरान प्रबुद्धजनों ने उन्हे दुर्ग की ऐतिहासिकता के बारे में विस्तृत जानकारी दी।तत्पश्चात जिलाधिकारी ने कार्यक्रम की दृष्ट से दुर्ग में भ्रमण कर ब्यवस्थाओ एवं सुविधाओ को देखा।उन्हों ने रानी सोनवां का मंडप,काल कोठरी,राजा भर्तृहरि नाथ की समाधि,रानी सोनवा का झरोखा, कुआ बाऊली आदि को देखा। कार्यक्रम की दृष्ट से सोनवा मंडप को सुसज्जित कर लाइट के साथ ही मंत्रजाप के लिए साउंड की व्यवस्था,सोनवा मंडप की पास ही स्थानीय लोगो द्वारा अपनी उत्पाद का स्टाल लगाने हेतु स्थान चिन्हित किया।
दुर्ग के ऊपरी भाग पर एक बड़ा ध्वज लगाने के लिए स्थान को देखा।इसके बाद जिलाधिकारी ने लाइट एंड साउंड के माध्यम से दुर्ग की ऐतिहासिकता को बताने व दिखाने की दृष्टि से प्रवेश द्वार व आस पास के स्थान को देखा और कार्यक्रम हेतु उसे उपयुक्त पाया।जिसपर जिलाधिकारी ने क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी नवीन कुमार को लाइट एंड साउंड की व्यवस्था के लिए संबंधित से बात चीत कर उन्हे स्थानों को दिखाने और उसकी मुकम्मल व्यवस्था बनाए जाने हेतु निर्देश दिया।
दुर्ग में निरीक्षण के बाद वह किला स्थित गंगा घाट को देखने पहुंची और गंगा आरती के भव्य आयोजन पर भी उपस्थित अधिकारियों व प्रबुद्ध लोगो से चर्चा की। जिलाधिकारी ने एसडीएम चुनार नवनीत सेहारा को पक्के घाट के निर्माण के लिए प्रस्ताव बना कर देने के लिए कहा। जिलाधिकारी ने बताया कि पर्यटन के साथ ही चुनार के पाटरी व अन्य हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा मिले इस उद्वेश्य से अयोजन पर मंथन किया जा रहा है।
।इस दौरान अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व शिवप्रताप शुक्ला,नायब तहसीलदार अरुण यादव सहित मेजर कृपा शंकर सिंह,सुरेंद्र मिश्र अंकुर आदि मौजूद रहे रहे।