मीरजापुर।
मुख्य विकास अधिकारी श्रीलक्ष्मी वीएस की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में जनपद स्तरीय निगरानी समिति की बैठक आहूत की गयी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने कृषक उत्पादक संगठन की समीक्षा करते हुये कहा कि पशुपालन व मत्स्य पालन, उद्यान विभाग कृषको को व्यवसाय हेतु प्रेरित करें।
उन्होने कहा कि सभी संगठन अपनी प्रगति रिपोर्ट से प्रत्येक माह उपलब्ध करायें। उपायुक्त उद्योग अशोक कुमार ने जानकारी देते हुये बताया कि कृषक सम्बन्धी तीन योजनाए संचालित हैं। उन्होने बताया कि प्रधानमंत्री सृजन योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वारोजगार योजना तथा एक जनपद एक उत्पाद के तहत कोई भी व्यक्ति पात्रता की शर्ते पूरी करते हुये योजना का लाभ उठा सकता हैं।
उन्होने कहा कि योजना के लाभ हेतु उद्योग की बेबसाइट पर आनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। उन्होने कहा कि यदि कोई ऋण के लिये आवेदन किया है और उनका आवेदन निरस्त हुआ हो तो अवगत कराय, उसका निस्तारण कराया जायेगा। उन्होने कहा कि ऐसे कृषक जिन्होने अभी तक अपना रजिस्ट्रेशन नही कराया है वे अवश्य अपना रजिस्ट्रेशन करा लें। मुख्य पशु चिकित्साकधिकारी ने बताया कि निवेश साथी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराते हुये बकरी पालन योंजना का कृषक लाभ उठा सकते हैं।
उन्होने बताया कि बकरी पालन में आबादी से दूर फार्म लगाये। पोट्री फार्म लगाने हेतु सरकार ऋण भी दिया जाता हैं। उन्होने बताया कि नियमानुसार पोर्टी फार्म लगाने पर बिजली मुफ्त हैं। उन्होने बताया कि ऋण लेने पर सात की प्रतिशत सब्सिडी भी दी जायेगी। उपस्थित एफ0पी0ओ0 ने अपनी समस्याओं से मुख्य विकास अधिकारी को अवगत कराया।
मुख्य विकास अधिकारी समस्याओं को सुनते हुये सम्बन्धित विभाग के अधिकारी को अगली बैठक के पूर्व निस्तारण हेतु निर्देशित किया। उप निदेशक कृषि अशोक उपाध्याय ने एफ0पी0ओ0 से कहा कि जो भी उत्पाद उनके द्वारा बनाया जा रहा है उसे अगली बैठक दिखाये जाये। बैठक में उप निदेशक कृषि अशोक उपाध्याय, उपायुक्त उद्योग अशोक कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सहित एफ0पी0ओ0, कृषक व अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहें।
सीडीओ ने जनपदीय जी0आई0 समिति/कलस्टर सुविधा इकाई की बैठक कर प्रगति के बारे में ली जानकारी
मीरजापुर।
मुख्य विकास अधिकारी श्रीलक्ष्मी वीएस की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में जनपदीय जी0आई0 समिति/कलस्टर सुविधा इकाई की बैठक कर प्रगति के बारे में जानकारी ली गयी। बैठक में बताया गया कि जी0आई0 टैग से फसलो की पहचान नही बदली जा सकेगी। इससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा तथा अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में एक ट्रेडमार्क के रूप में देखा जायेगा। इससे जनपद के किसानो को उनके उत्पाद का अधिक मूल्य मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी।जनपद में जी0आई0 टैग के लिये देसी ज्वार व देसी बाजरा का आवेदन कराया जाना हैं। जी0आई0 प्राप्त व्यक्ति चीनी चावल के अधिकृत उपयोगकर्ता हेतु आवेदन जिला कृषि अधिकारी के माध्यम से आधार कार्ड एवं खतौनी देते हुये फार्म भरकर जी0आई0 उत्पाद उगा सकते हैं।
इसी प्रकार आम, पान व बैंगन की खेती हेतु जिला उद्यान अधिकारी के माध्यम से फार्म भर कर सकते हैं। जी0आई0 टैग मिलने से प्रत्यक्ष रूप से होने वाले निर्यात में भी विन्ध्य क्षेत्र को एक नई पहचान मिलेगी। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि जी0आई0 टैग कृषि फसलो के बीज, तकनीकी सहयोग कृषको को उपलब्ध कराते हुये अधिक से अधिक जी0आई0 उत्पादो के अधिकृत यूजर हेतु रजिस्ट्रेशन करायें।
जिससे जनपद की पहचान उत्पादों के माध्यम से देश व विदेश में बढ़ें। बैठक में सदस्य सचिव ज्येष्ठ कृषि विपणन निरीक्षक, कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार निदेशालय के जनपदीय अधिकारी संजय कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी मेवा राम सहित कृषक व एफ0पी0ओ0 उपस्थित रहें।