मिर्जापुर।
नेहरू युवा केंद्र मिर्जापुर एवं जीऐसबी सेवा समिति के सयुंक्त तत्वाधान में प्रधानाचार्य लवकुश सिंह की अध्यक्षता में घनश्याम सिंह के निर्देशन में राजकीय पॉलिटेक्निक मिर्जापुर के परिसर में एक रक्तदान शिविर एवं मिलेट्स मेला का आयोजन किया गया जिसमे युवाओं और शिक्षकों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत में प्रधानचार्य लवकुश ने समस्त उपस्थित गढ़मान्य व्यक्तियों को सम्बोधित करते हुए रक्तदान एवं मिशन लाइफ से सम्बंधित समुचित जानकारी दी।
मैडिकल कालेज से आए हुए डाक्टर भूपेंद्र ने रक्तदाताओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया जिसमे 12 लोगो ने रजिस्ट्रेशन कराया तथा 8 लोगो ने रक्तदान किया कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए जिला युवा अधिकारी प्रतीक साहू ने बताया कि मोटे अनाज की फसल को उगाने के फायदा यह है कि इसे ज्यादा पानी की जरूत नहीं होती है। यह पानी की कमी होने पर खराब भी नहीं होती है और ज्यादा बारिश होने पर भी इसे ज्यादा नुकसान नहीं होता है। मोटा अनाज की फसल खराब होने की स्थिति में भी पशुओं के चारे के काम आ सकती हैं। बाजरा और ज्वार जैसी फसलें बहुत कम मेहनत में तैयार हो जाती है।
इसके साथ ही मोटे अनाज वाली फसलों में रसायनिक उर्वरक और कीटनाशकों का प्रयोग करने की जरूत भी नहीं होती है। इसी के साथ ही इन फसलों के अवशेष पशुओं के चारे के काम आते हैंइसलिए इनको धान की पराली की तरह जलाना नहीं पड़ता और पर्यावरण प्रदूषण से भी बचा जा सकता है।
मंडलीय चिकित्सालय के बीसीटीबी के जन संपर्क अधिकारी राम कुमार गुप्ता ने समस्त उपस्थित युवाओ को रक्तदान के फायदे के बारे में अवगत कराया की हालांकि भारत में आज भी लोग रक्त दान करने से डरते हैं. उन्हें लगता है कि इससे शरीर में कमजोरी आ जाएगी। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है. ब्लड डोनेशन से शरीर स्वस्थ रहता है और कई बीमारियां दूर होती हैं. हार्ट के लिए रक्तदान करना काफी फायदेमंद माना जाता है। ब्लड डोनेशन से वजन कंट्रोल रहता है। इससे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां का जोखिम भी कम होता है। ब्लड डोनेशन को लेकर लोगों के अंदर जागरुकता की कमी है. इसीलिए लोग रक्त दान करने से डरते हैं।
रक्तदान को सफल बनाने में काउंसलर माला सिंह श्रवण सिंह अमित सिंह का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम के अंत में जी ऐस बी सेवा समिति की संस्थापक श्रीमती फरहा खान की और से समस्त प्रतिभागियों का धन्यावद ज्ञापन करते हुए युवाओ का एक लैंगिक सामान समाज का निर्माण करने के लिए आह्वाहन किया।
उन्होंने बताया की लैंगिक असमानता एक सामाजिक परिघटना है, जिसमें पुरुषों और महिलाओं के साथ समान व्यवहार नहीं किया जाता है। समाज में प्रचलित जीव विज्ञान, मनोविज्ञान, या सांस्कृतिक मानदंडों के संबंध में भेद से उपचार उत्पन्न हो सकता है। मिशन लिफ़ के अंतर्गत मोटे अनाज के इस्तेमाल को बढ़ावा देने हेतु जी ऐस बी सेवा समिति की महिलाओ की तरफ से तैयार बाजरा, रागी, ज्वार से निर्मित पौष्टिक खिचड़ी का वितरण किया गया जिससे बच्चो, शिक्षकों एवं परिजनों ने खूब सराहा।