बाजार व्यापार

60 देशो के 600 आयातक और आयतको के प्रतिनधियों ने भाग लिया निर्यातकों को 337 करोड़ के निर्यात आर्डर मिले: सिद्धनाथ सिंह

तीन दिवसीय कालीन मेले का हुआ समापन
ब्यूरो रिपोर्ट, बनारस। संपूर्णानंद संस्‍कृत विश्‍वविद्यालय में वस्‍त्र मंत्रालय के सहयोग से कालीन निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा आयोजित तीन दिवसीय 34वां इंडिया कारपेट एक्‍सपो का शुक्रवार को सांसद व भाजपा किसान मोर्चा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष वीरेन्‍द्र सिंह मस्‍त ने समापन किया। वीरेन्‍द्र सिंह मस्‍त ने कहा कि कालीन भेड़ के बालों से बनता है। तभी तो हमारी सरकार ने भेड़ पलकों के लिए योजना भी चला रही है।नबार्ड के तहत भेड़पालकों को स्वावलंबी बनाने के लिए 10 भेड़ पर एक लाख व 100 भेंड़ पर दस लाख की राशि दे रही है जो ब्याज मुक्त है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय कालीन उद्योग एक कुटिर उद्योग है। यह एक उद्योग ही नहीं बल्कि पुस्तैनी काम के साथ परम्परा और संस्कृति भी है। किसान खेती के साथ इस कार्य को करता है जो उसे स्‍वावलंबी बनाने में काफी मददगार होती है। हमारा कालीन उद्योग और इससे जुड़े बुनकरों की काऐरीगरी से दुनिया भर में भारत की पहचान बनती है। केंद्र सरकार कालीन उद्योग के लिये कई योजनाएं भी लाई है। जिसमें बुनकरों के पेंशन, पुरस्‍कार देकर उन्‍हें उत्‍साहित कर मुद्रा लोन के माध्‍यम से स्‍वरोजगार को भी बढ़ावा दे रही है।

उन्होंने कहा, आज मुद्रा लोन लेकर लोग खुद अपना व्‍यसाय कर रहे हैं। हाल ही में भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्‍थान में एमटेक की पढ़ाई के लिए बीएचयू उसे बीएचयू में समाहित करने की प्रक्रिया चल रही है। इससे जहां छात्रों को लाभ होगा। वहीं नए नए तकनीक से कालीन उद्योग में नए तरह उत्‍पाद बनाए जा सकते हैं। उन्‍होंने इस दौरान मेले का भ्रमण कर कहा कि, कालीन हमारी गौरवशाली पंरपरा की पहचान है और लगातार इसमें नए और आकर्षक उत्‍पाद आकर्षण पैदा कर रही हैं।उन्‍होंने कई स्‍टालों पर रूक कर कई उत्‍पादों की जानकारी लिया। उन्होंने मोदी वाल हैंगिंग के साथ अपनी तस्वीरें भी खिंचवाई।

सीईपीसी के प्नथम वाईस चेयरमैन सिद्धनाथ सिह ने बताया कि इस वर्ष मेले में काफी आर्डर मिले। मेले में 60 देशो कर 600 आयातक और आयतको के प्रतिनधियों ने भाग लिया निर्यातकों को 337 करोड़ के निर्यात आर्डर मिले वही इस बार फेयर में 2859 व्यापारिक पूछताछ की गई है जो आगे व्यवसाय में तब्दील होगी। इसमें लंबे समय तक इस संबधों का फायदा उद्योग को मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें संसाधन उपलब्ध कराए तो व्यवसाय में उसका लाभ होगा जो बुनकरों के जीवनस्तर को बेहतर करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार और व्यवसाइयों में समन्वय हो। जल्द ही कार्पेट पॉलिसी का प्रस्ताव सरकार को भेजा जा रहा है जिसका लाभ उद्योग व सरकार दोनों को मिलेगा। उन्होंने बताया कि अगला फेयर 08 से 11 मार्च तक नई दिल्ली ओखला में लगेगा। नए देशों के साथ संबंध स्‍थापित करने में यह 34 वां कालीन मेला सफल रहा। इस दौरान परिषद के अध्यक्ष महावीर शर्मा, उमेश गुप्ता, अब्दुल रब अंसारी, राजेन्द्र मिश्रा, फिरोज वजीरी सहित परिषद के अन्य सदस्य व कालीन निर्यातक मौजूद रहे।

Banner VindhyNews
error: Right Click Not Allowed-Content is protected !!