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टीबी एवं एचआइवी, सिफलिस, एसटीआई जैसी समस्याओं हेतु लगे स्क्रीनिंग कैंप का डीटीओ ने किया निरीक्षण, जिला कारागार मे 79 बंदियों का किया गया स्कैनिंग

मिर्जापुर।  

विगत दिनो जनपद के क्षय रोग अधिकारी का पदभार ग्रहण करने वाले डॉक्टर अनिल कुमार ओझा ने विभागीय कार्यों को और ऊंचाई पर पहुंचाने हेतु प्रयास प्रारंभ कर दिया है।

इसी क्रम मे गुरूवार 13 जुलाई  को डॉ. ओझा ने अपने विभागीय सहयोगियों के साथ जिला कारागार में बंदियों के बीच समय-समय पर लगाए जाने वाले टीबी एवं एचआइवी, सिफलिस, एसटीआई जैसी समस्याओं हेतु लगे स्क्रीनिंग कैंप का स्थलीय निरीक्षण करने पहुंचे।

उन्होने जेल में स्थित हॉस्पिटल का निरीक्षण करने के उपरांत, बंदियों के बीच एचआईवी एवं टीबी जैसे रोग के उत्पत्ति तथा उससे पड़ने वाले गंभीर प्रभावों के विषय में विस्तार से बताया गया। उन्होंने आश्वस्त किया कि दवा इलाज संबंधित किसी समस्या आने के स्थिति में आप जेल प्रशासन या अस्पताल के माध्यम से सूचित करने का प्रयास करिएगा, जिससे कि आपकी समस्या का अविलंब समाधान किया जा सके।

क्षय विभाग के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर सतीश शंकर यादव द्वारा बंदियों के बीच टीबी रोग के समस्त लक्षणों की जानकारी देते हुए टीबी मरीज को सरकारी स्तर से दिये जा रहे नि: शुल्क जांच, इलाज सुविधा के साथ-साथ मरीज के खाते में दिए जा रहे ₹500 प्रति माह के  विषय में भी विस्तार से बताया गया। सतीश यादव द्वारा बंदियों से आग्रह भी किया गया कि आप  सभी जेल में या जेल से बाहर जाने के पश्चात यदि बताए गए उपरोक्त लक्षणों से किसी को प्रभावित पाते हैं, तो उन्हें सुझाव दें कि वह अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध नि: शुल्क सुविधाओं का लाभ लेते हुए अपने एवं अपने घर परिवार को सुरक्षित बनाए रखे।

वही एचआईवी के कार्य को देख रहे कन्हैया यादव द्वारा बंदियों को एचआईवी के रोग संबंधी लक्षणों वह इससे बचे रहने के उपायों के विषय में जानकारी प्रदान की गई।

विभागीय टीम द्वारा कार्यक्रम समाप्ति के पश्चात बताया गया कि आज कुल 79 बंदियों का स्कैनिंग किया गया, जिसमें एक टीबी का संदिग्ध मरीज मिला जिसे बलगम जांच हेतु तत्काल फाल्कन ट्यूब उपलब्ध कराया गया। अवध बिहारी कुशवाहा, अखिलेश पांडे, संपत्ति राम, अजय कुमार, मनीष जायसवाल, रामजीत मौजूद रहे।

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