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महिलाओं के हित संरक्षण कानून सम्बन्धी विविधक साक्षरता/जागरूकता कार्यक्रम का किया गया आयोजन

मीरजापुर।

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वावधान में उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशन में जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनमोल पाल के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मीरजापुर के तत्वावधान में पूर्व माध्यमिक विद्यालय मुजेहरा कलां विकास खण्ड कोन तहसील सदर थाना चील्ह के प्रागंण में महिलाओं के हित संरक्षण कानून विषय से सन्दर्भित विधिक साक्षरता/जागरूकता शिविर कार्यक्रम का शुभारम्भ अपर जिला जज/सचिव श्री लाल बाबू यादव, तहसीलदार सदर श्री शंशाक शेखर राय, बी0डी0ओ0 राकेश कुमार शुक्ला, रिर्सोस पर्सन डा0 शीला सिंह, सुरेश कुमार त्रिपाठी ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर किया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव लाल बाबू यादव ने उपस्थित ग्रामीण महिला, आंगनवाड़ी कार्यकत्री, महिला समूह, आशा बहुएँ व अन्य जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए बताया की महिलाओं के उत्पीड़न की रोक थाम के लिए विभिन्न प्रकार का कानून संविधान में बनाया गया है और केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान करने के लिए बनाये गये है, जिनका लाभ लेने के लिए प्रत्येक महिला/बालिकाओं को अग्रसर होना पड़ेगा।

महिलाओं के हित संरक्षण कानून से सम्बन्धित मटेरियल का किट उपस्थित सभी महिला को वितरित किया गया है उसको पढ़े और उसका लाभ उठाए। उन्होने यह भी बताया कि महिलाओं, वृद्ध माताओ एवं उनके परिजनों को कन्या सुमंगला योजना, मातृ बन्दना योजना, राष्ट्रीय पोषण मिशन, सामूहिक विवाह योजना, मातृ वंदना योजना, विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन, महिला शक्ति मोबाईल, महिला साइबर सेल, हेल्प डेस्क इत्यादि कई प्रकार के विभिन्न योजनाये सरकार द्वारा प्रदत्त की जा रही है उन योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा उठाए।

उन्होने यह भी बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दीवानी न्यायालय के माध्यम से दाम्पत्य विवादों को सुलझाने के लिए न्यायालय परिसर में स्थित मीडियेशन सेन्टर में महिला न्यायिक अधिकारियों द्वारा पति पत्नी को एक साथ रहने के लिए समझाया बुझाया जाता है। यदि पति पत्नी मामलें जो न्यायालय में दाखिल नहीं किये गये हो उन प्री-लिटिगेशन वैवाहिक पति-पत्नी के ) विवादों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में दाखिल कर सकते है और उसकी त्वरित सुनवाई कर निस्तारण कराने का प्रयास किया जाता है।

तहसीलदार सदर शंशाक शेखर राय ने बताया कि महिलाओं को वारिसान दर्ज कराने का पूर्ण अधिकार है। अब जमीन, खेतो पर भी महिलाओं/बालिकाओं का नाम किसानों के मृत्यु परान्त दर्ज किया जायेगा। जागरूकता शिविर में महिलाओं के हित संरक्षण कानून विषय पर रिर्सोस पर्सन ज्ञानन्दा लाॉ कालेज प्रबन्धक श्रीमती डा0 शीला सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता/मध्यस् सुरेश कुमार त्रिपाठी, बी0डी0ओ0 राकेश कुमार शुक्ला, महिला कल्याण अधिकारी डा0 मंजू यादव, खण्ड शिक्षाधिकारी बृजेश कुमार राय, पुलिस विभाग थानाध्यक्ष श्रीमती रीता यादव, पुलिस परिवार परामर्श केन्द्र श्रीमती राशि तिवारी, सी0डी0पी0ओ0 श्रीमती अनसुइया सिंह, समाजसेवी श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव ने उपस्थित, आगंड़वाडी कार्यकत्री, आशा बहुएं एवं ग्रामीण महिला जनमानस को विभागावार विस्तार से प्रदत्त योजनाओं की जानकारी दिए। जागरूकता शिविर में व0सहायक दीपक श्रीवास्तव, पी0एल0वी0 कल्पना यादव, रूपा गुप्ता, प्रीति सिंह, जयप्रकाश सरोज, जगदीश सोनकर, बन स्टाप सेन्टर से राधिका सिंह एवं विद्यालय के समस्त अध्यापिकाये/अध्यापक व अन्य विभागों से कर्मचारीगण उपस्थित रहें।

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