0 एक अगस्त से लागू होगी व्यवस्था
मीरजापुर।
जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने जारी अपने एक आदेश के तहत जनपद में उपखनिज ईमारती पत्थर सैण्डस्टोन (गिट्टी / बोल्डर / पटिया / ईमारती ब्लॉक) के खनन पट्टा संचालित है संचालित वैध खनन पट्टा क्षेत्र के आस-पास के क्षेत्रों से ईमारती पत्थर सैण्डस्टोन (गिट्टी / बोल्डर / पटिया / ईमारती ब्लॉक) का अवैध खनन कर परिवहन किये जाने की शिकायतें प्राप्त हो रही है। जाँच दल द्वारा रास्ते में उपखनिज बोल्डर / ईमारती ब्लॉक के वाहनों की जॉच किये जाने पर वाहन चालकों द्वारा पट्टाधारक का नाम बताकर स्टोन केशर / कटर प्लांट पर ले जाना बताया जाता है।
उ०प्र० उपखनिज (परिहार) नियमावली 2021 के नियम 72 में यह प्राविधानित है कि “खनन पट्टा या खनन अनुज्ञा धारक या उसके द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत कोई व्यक्ति, किसी वाहन, पशु या परिवहन के किसी अन्य साधन द्वारा उपखनिज का पारेषण (कन्साइनमेंट) कर ले जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को ई-प्रपत्र एम0एम0 11 में पास जारी करेगा।
जनपद में संचालित ईमारती पत्थर सैण्डस्टोन (गिट्टी / बोल्डर / पटिया / ईमारती ब्लॉक) के समस्त खनन पट्टाधारकों को निर्देशित जाता है कि दिनांक 01.08.2023 के उपरान्त खनन पट्टा क्षेत्र से उपखनिज परिवहन करने वाले समस्त वाहनों को उसमें भरे उपखनिज बोल्डर / ईमारती ब्लॉक की उपयुक्त मात्रा के सापेक्ष परिवहन प्रपत्र ई एम0एम0-11 निर्गत करना सुनिश्चित करें।
स्टोन केशर / कटर प्लांट से तैयार स्टोन ग्रिट / पटिया ( ईमारती स्लैब) को उ०प्र० खनिज ( अवैध खनन / परिवहन / भण्डारण का निवारण) नियमावली 2018 के प्राविधानों के अनुसार ई-प्रपत्र “सी” द्वारा परिवहन किया जायेगा। यदि स्टोन केशर से तैयार गिट्टी व कटर प्लांट से तैयार पटिया / ईमारती स्लैब के साथ परिवहन प्रपत्र ई-एम0एम0-11 पाया जाता है तो ऐसे खनिज को अवैध मानते हुए सम्बन्धित पट्टाधारक / स्टोन केशर स्वामी / कटर प्लांट स्वामी एवं वाहन स्वामी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।