मिर्जापुर।
भारत विकास परिषद भागीरथी शाखा मीरजापुर ने सोमवार को लोकमान्य बाल गंगा धर तिलक और क्रन्तिकारी चन्द्र शेखर आज़ाद की जयन्ती मनाई। शहीद उद्यान में सभी सदस्यों ने पहले चन्द्र शेखर आज़ाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर नमन किया। उसके बाद वन्देमातरम किया।
प्रान्तीय प्रकल्प प्रमुख (दिव्यांग) ने बाल गंगाधर तिलक के जीवन के बारे मे विस्तृत रूप से बताया। बाल गंगाधर जी का जन्म 23 जुलाई 1856 को रत्नागिरी जिले के एक गांव मजरेगाव में हुआ था। तिलक जी ने 1877 मे दक्कन कॉलेज पुणे से गणित मे स्नातक किया और 1879 बॉम्बे विश्वविद्यालय से वकालत किया उसके बाद आप ने पत्रकार बनने का निश्चय किया। आपने केशरी नाम से समाचार पत्र भी निकाला। आप हमेशा अंग्रेजो के खिलाफ लिखा।
सन 1896-97 में महाराष्ट्र में प्लेग नामक महामारी के ऊपर लेख लिखने पर उनके ऊपर राजद्रोह का मुक़दमा चला। 1अगस्त 1920 को असहयोग आंदोलन के पहले दिन आपका निधन हो गया। आपको बाल लाल पाल की जोड़ी के नाम से भी जाना जाता था। चन्द्र शेखर आजाद जी के बारे में अध्यक्ष धीरज सोनी ने बताया कि चन्द्र शेखर जी का जन्म 23 जुलाई 1906 मे भाभरा गांव मध्य प्रदेश में हुआ था,आपका नाम चन्द्र शेखर तिवारी था, आपके पिता जी का नाम सीताराम एवं माता जी का नाम जगरानी देवी था।
आपकी माता जी ने पढ़ाई के लिये आपको बनारस विश्व विद्यालय में भेजा, आपका मन पढ़ाई मे नहीं लगा, आप असहयोग आंदोलन मे शामिल हो गये, आपने काकोरी कांड में भी हिस्सा लिया था, 20 दिसंबर 1921 मे आपको गिरफ़्तार कर लिया गया था, आपको अंग्रेज मजिस्ट्रेट के सामने जब पेश किया गया।
आपने अपना नाम आज़ाद बताया, पिता जी का नाम स्वतंत्रता एवं अपना घर जेल बताया, जज ने 15 कोड़े मारने का आर्डर किया, 27 फरवरी 1931 को आपने इलाहाबाद में खुद अपने को गोली मार ली। आपने अपने 26 साल के जीवन मे अंग्रेजो को लोहे का चना चबवा दिया था। अंत मे राष्ट्र गान किया गया, आज के कार्यक्रम में अध्यक्ष धीरज सोनी, महिला संयोजिका डॉली सराफ, विनोद केसरवानी, अशोक गुप्ता, ललित मोहन, राम जी गुप्ता, दीपमाला गुप्ता, चन्द्र कान्त एवं अन्य लोग थे।