मीरजापुर।
जिलाधिकारी दिव्या मित्तल के निर्देशन में एवं अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) शिव प्रताप शुक्ल कि पहल के अंतर्गत दिनाँक 27 जुलाई 2023 से 02 अगस्त 2023 के मध्य सर्पदंश सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत तहसील में होने वाली चैपालों में, विद्यालयों में, ग्रामों में आयोजित होने वाली बैठकों में सर्पदंश कि रोकथाम हेतु जानकारी फैलाई जा रही है।सर्पदंश के संदर्भ में वर्णित निम्न जानकारी राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी कि गयी जागरूकता आई0ई0सी0 से ली गयी है।
सर्पदंश के लक्षण निम्न वर्णित हैंः-
सर्पदंश वाले स्थान पर तेज दर्द, बेहोशी आना, दंश पर सूजन, पसीना होना, उल्टी महसूस होना, सांस लेने में तकलीफ, आँखों में धुंधलापन, सर्पदंश से लकवा कि पहचान कैसे करें- दंश से लकवा कि पहचान के उपाय निम्न हैंः- दोहरी दृष्टि, आवाज का पतला होना, पलकों का गिरना, निगलने में असमर्थता, बोलने में कठिनाई, आवाज का पतला होना,
सर्पदंश से रोकथाम के उपाय- रोकथाम के उपाय निम्न हैंः-
सर्प को आसपास देखकर धीरे धीरे उससे पीछे हटें
पानी में तैरते समय सर्प से सावधान रहें
मलबे या अन्य वस्तुओं में सांप हो सकते हैं, सतर्क रहें
सांप को पकड़ने या मारने कि कोशिश ना करें
सर्पदंश के प्रकरण कि स्थिति में क्या करें -दंश में क्या करें कि बातें निम्न हैं-
रोगी को आश्वस्त करें कि 70ः से 80ः सांप विषैले नहीं होते हैं
अंगूठियाँ, घडी, आभूषण, जूते व तंग कपड़े हटा दें
प्रभावित अंग को स्थिर कर दें एवं व्यक्ति को शांत अवस्था में रखें
निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएँ
दंश प्रभावित हिस्से को साबुन व गर्म पानी से साफ करें
दंश के हिस्से को सूखे कपड़े से ढक दें
प्रभावित व्यक्ति का सर ऊँचा करके लेटायें या बैठाये
डंक कि जगह पर किसी वस्तु से दबाकर जहर को निकलने का प्रयास करें
सर्पदंश कि स्थिति में क्या ना करें -दंश में क्या ना करें कि बातें निम्न हैं-
दंश वाले अंग को ना मोड़ें
दंश वाले भाग में रस्सी या पट्ट ना बाँधे