0 विश्वकर्मा योजना की पंजीकरण प्रक्रिया में ट्रेड यूनियन को शामिल करने की मांग
चुनार, मिर्जापुर।
सुरभि शोध संस्थान में आयोजित भारतीय मजदूर संघ की 155वीं केंद्रीय कार्यसमिति में रविवार को प्रधानमंत्री भारत सरकार द्वारा विश्वकर्मा योजना लागू किये जाने की घोषणा का स्वागत किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष हिरण्मय पाण्डया ने कहा कि कोविड-19 के कारण श्रमिकों के हुए ‘जाॅबलाॅसेस’ व इसके पुनस्र्थापन के लिए भारत सरकार ने ‘ग्रुप आफ मिनिस्टर्स’ का गठन किया था।
वर्ष 2020 में गठित इस ‘ग्रुप आफ मिनिस्टर्स’ के समक्ष भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधिमण्डल द्वारा दो अलग-2 अवसरों पर मुलाकात कर लिखित एवं मौखिक रूप से ऐसे समस्त संगठित एवं असंगठित क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों का जिनका कोविड के दौरान रोजगार समाप्त हो गया था, उन्हें पुनः रोजगार प्रदान करने, कौशल विकास का प्रशिक्षण देने सहित आत्मनिर्भर भारत के सफल क्रियान्वयन के लिए सुझाव प्रेषित किये गये थे।
भारतीय मजदूर संघ की ओर से सुझाव प्रेेषित करते हुए सभी प्रभावित मजदूराें जिनमें प्रमुख रूप से कृषि मजदूर, बीड़ी, हैण्डलूम वर्कर, मछुआरों, मनरेगा वर्कर, खिलौना बनाने वाले मजदूर तथा अन्य संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के कार्य में लगे मजदूरों का जिक्र किया गया था। भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष ने कहाकि 15 अगस्त 2023 को लाल किले की प्राचीर से नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री भारत सरकार ने असंगठित एवं संगठित क्षेत्र के उन सभी श्रमिको का जिक्र अपने भाषण में किया था, जिनका सुझाव भारतीय मजदूर संघ ने ‘ग्रुप आफ मिनिस्टर्स’ को दिया था तथा ऐसे सभी कैटेगरी के श्रमिकों के लिए विश्वकर्मा योजना की घोषणा की जिसके अन्तर्गत वित्तीय सहयोग, प्रशिक्षण, कौशल विकास, पंजीकरण आदि का प्रावधान है तथा यह बढ़ई, टेलर, हैण्डलूम बुनकर, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार समेत 18 कैटेगरी हेतु प्रथम चरण के लिए यह प्रभावी है।
संघ द्वारा प्रभावित श्रमिकों को पुनर्रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जो लिखित सुझाव दिये गये थे, उन्हें सरकार ने यथावत स्वीकार करके इसकी घोषणा 15 अगस्त को की है। ऐसे श्रमिकों को 10 हजार से लेकर 10 लाख रूपये तक वार्षिक वित्तीय सहयोग देने का प्रावधान भी विश्वकर्मा-योजना में शामिल है तथा प्रथम चरण में भारत सरकार ने 15 हजार रोजगार प्रतिवर्ष सृजित करने का लक्ष्य रखा है। संघ के राष्ट्रीय महामंत्री रवीन्द्र हिमते ने कहा कि कौशल विकास के प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेण्ड भुगतान की व्यवस्था की जाय। ई-श्रम पोर्टल मे चिन्हित कैटेगरी के अन्य श्रमिको को द्वितीय चरण मे शीघ्र विश्वकर्मा योजना में शामिल किया जाय ताकि इन्हें भी इस योजना का लाभ मिल सके।
विश्वकर्मा योजना के पंजीकरण प्रक्रिया में ट्रेड यूनियन को शामिल किया जाय। इस योजना के अन्तर्गत श्रमिको को ब्याजरहित ऋण भी उपलब्ध कराया जाय। उन्होंने कहा कि योजना के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूह के माध्यम से भी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाय। इस दौरान राष्ट्रीय संगठनमंत्री बी0 सुरेन्द्रन, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अनुपम, प्रदेश अध्यक्ष विश्वेश्वर राय, प्रदेश महामंत्री अनिल उपाध्याय, प्रदेश मंत्री सुरेश यादव, पूर्व प्रदेश महामंत्री श्रीकांत अवस्थी, संभाग प्रमुख राकेश कुमार आदि मौजूद रहे।