धर्म संस्कृति

रामलीला के प्रथम दिन नारद मोह की लीला का हुआ मंचन

हलिया (मिर्जापुर)।

हलिया क्षेत्र के कोटा शिव प्रताप सिंह स्थित रामलीला मैदान में कंदवा प्रयागराज से पधारे कलाकारों द्वारा पंद्रह दिवसीय रामलीला मंचन के पहले दिन मंगलवार की रात्रि में नारद मोह की लीला का अद्भुत मंचन देखकर श्रोता भाव विभोर हो गये। देवर्षि नारद भजन में इतना लीन हो जाते हैं कि इंद्र का सिंहासन हिल जाता है। इसकी जानकारी देवता गण ने ब्रह्मा, महेश और विष्णु को देते हैं। अभिमान को खत्म करने के लिए भगवान विष्णु ने अपनी माया से सुंदर नगर और सुंदर राजकुमारी की रचना किया, जहां पहुंचकर नारद शीलनिधी राजा के आग्रह पर उनकी बेटी विश्वमोहिनी की हस्तरेखा देखने पहुंचे। हस्तरेखा देखकर नारद विश्वमोहिनी से विवाह करना चाहते हैं और भगवान विष्णु से सुन्दर रुप मांगने पहुंचे, तो उन्हें बंदर का रूप दे दिया।

तभी भगवान विष्णु मौके पर पहुंच जाते हैं और विश्वमोहिनी से विवाह करते हैं। इसपर नारद जी श्राप देते हैं कि जिस प्रकार मै एक स्त्री के लिए व्याकुल हुआ हूं। उसी प्रकार भगवान विष्णु को भी एक स्त्री के वियोग में व्याकुल होना पड़ेगा। इसके साथ ही जिस बंदर का चेहरा दिया है। ऐसे बंदर ही पृथ्वीलोक पर आपकी मदद करेंगे। इसे शाप को विष्णु भगवान स्वीकार करते हैं। नारद ने कहा यह सब तो उनकी माया थी। इस दौरान व्यास के रूप में प्रियदर्शन पांडेय, नारद के रूप मे कृष्ण चंद्र प्रजापति ने पाठ किया। इंद्र कुमार रूप मे इंद्रमल, विश्व मोहनी के रूप मे लक्ष्मी शंकर ने पाठ किया।  कमेटी के अध्यक्ष प्रिंस सिंह, उपाध्यक्ष जय सिंह, महामंत्री संतलाल, रामलीला कमेटी संरक्षक शिवेंद्र प्रताप सिंह, अनिल कुमार सिंह, ओंकार नाथ पांडेय, रवि सिंह सहित दर्शक श्रोता मौजूद रहे।

 

Banner VindhyNews
error: Right Click Not Allowed-Content is protected !!