साहित्य सागर

सियासत आदमी से उसका शजरा छीन लेती है

0 स्वामी गोविन्दाश्रम इण्टर कॉलेज के संस्थापक स्व० डॉ लालजी द्विवेदी की स्मृति में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन

मीरजापुर।

पैड़ापुर स्थित स्वामी गोविन्दाश्रम इण्टर कॉलेज सभागार में विद्यालय के संस्थापक स्व० डॉ लालजी द्विवेदी की स्मृति में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें जनपद एवं जनपद के बाहर से आये बहुचर्चित कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से देश-समाज एवं वर्तमान के विविध रंगों को रेखांकित कर उपस्थित श्रोताओं की वाह वाही लूटी। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध नवगीतकार गणेश गम्भीर ने की एवं संचालन प्रयागराज से आये हास्य व्यंग्य के ख्यातिलब्ध हस्ताक्षर अशोक बेशरम ने किया।

कवि सम्मेलन का आरम्भ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया तत्पश्चात् वाराणसी से आयी कवयित्री विभा शुक्ला ने सुमधुर वाणी वंदना प्रस्तुत कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। काव्य पाठ के क्रम में जनपद के चर्चित नवगीतकार शुभम् श्रीवास्तव ओम ने वर्तमान जीवन पर टिप्पणी करती रचना पढ़ी-

“बने हैं आप हम ही एक-दूजे के यहाँ दुश्मन,

किसी का क़त्ल करने को कभी खंज़र नहीं जाता।”

वाराणसी से आये हिन्दी-भोजपुरी के सशक्त छंदकार डॉ० धर्म प्रकाश मिश्र ने जहाँ अपने हास्य व्यंग्य के छंद प्रस्तुत कर श्रोताओं को हँसाया वहीं सुन्दरकाण्ड पर आधारित अपने ओजपूर्ण छंदों पर जमकर तालियाँ बटोरीं। उन्होंने पढ़ा-

” ऊँ गं गणपतये नमः वाले बाबा,

अब हम लड्डू सौ ग्राम ही चढ़ायेंगे।”

कवयित्री विभा शुक्ला ने अपने काव्यपाठ के दौरान पढ़ा-

”  गमों के साये ढलते जा रहे हैं,

पुराने दिन बदलते जा रहे हैं।”

प्रयागराज से आये लॉफ्टर फेम कवि राधेश्याम भारती ने अपनी हास्य-व्यंग्य रचना पढ़ी-

“घर में महाभारत मेरे बेटों ने रच दिया,

मैं ज़िन्दगी भर राम कथा बाँचता रहा। ”

हिन्दी-लोकभाषा के सुप्रसिद्ध गीतकार लल्लू तिवारी ने अपनी प्रस्तुति के दौरान अनेक चिन्तरपरक मुक्तकों एवं श्रृंगारिक गीतों के पाठ से शमाँ बाँध दिया-

” आपको देखकर मुझको ऐसा लगा,

धूप में था खड़ा छाँव में आ गया।”

संचालन कर रहे अशोक बेशर्म ने व्यंग्यात्मक रचना पढ़ी-

” भीख माँगे जो अदाकारी से,

बच के रहना तुम उस भिखारी से।”

अध्यक्षीय काव्य-पाठ में गणेश गम्भीर ने सुनाया-

” कभी था खेत का हिस्सा जो पब्लिक टॉयलेट है अब,

सियासत आदमी से उसका शजरा छीन लेती है। ”

इस दौरान विद्यालय के सेवानिवृत्त अध्यापक त्रिभाषा कवि शिवप्रसाद द्विवेदी ने संस्कृत एवं अंग्रेजी में कजरी सुनायी। इससे पूर्व कार्यक्रम के आरम्भ में संयोजक डॉ० स्नेहलता द्विवेदी, विद्यालय के प्रधानाचार्य सुदामा प्रसाद एवं प्रबन्धक डॉ० रविन्द्र कुमार द्विवेदी द्वारा उपस्थित कवियों का स्वागत माल्यार्पण-अगंवस्त्र एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर किया गया। कार्यक्रम के अन्त में विद्यालय के प्रबन्धक डॉ० रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने उपस्थित कवियों एवं श्रोताओं के प्रति आभार ज्ञापित किया।

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