0 राष्ट्रविरोधी ताकतो को रोकने और जयचंदो को ठोकने की है आवश्यकता: विभाग संघचालक एडवोकेट तिलकधारी जी
मिर्जापुर।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मिर्ज़ापुर नगर के तत्वावधान में विजयादशमी उत्सव के अवसर पर नगर के लालडिग्गी स्थित लायंस स्कूल के सभागार मे शस्त्र पूजन कर पूर्ण गणवेशधारी सवयंसेवको ने नगर मे पथ संचलन निकाली। संचलन मे चल रहे स्वयंसेवको पर पुष्पवर्षा कर जगह जगह जगह नगरवासियो ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस अवसर पर आरएसएस के विभाग संघचालक एडवोकेट तिलकधारी जी का पाथेय प्राप्त हुआ।
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विजयादशमी उत्सव का शुभारंभ मंचासीन अतिथिगण विभाग संघचालक एडवोकेट तिलकधारी जी, जिला संघचालक शरद चंद्र उपाध्याय जी एवं नगर सह संघचालक प्रभु जी द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम चंद्र जी के चित्र एवं शस्त्र की पूजा कर किया गया।
तदुपरांत मुख्य वक्ता विभाग संघचालक एडवोकेट तिलकधारी जी ने कहाकि संघ की स्थापना 27 सितंबर 1925:को विजयादशमी के दिन हुई। संस्थापक डा हेडगेवार जी ने हिन्दू समाज को संगठित करके के लिए पाच लोगो के साथ शाखा शुरू की और 15 वर्षो मे ही देश के प्रत्येक प्रान्त मे पहुच गये। अंतिम बौध्दिक 1940 मे नागपुर मे दिया, तो कहाकि “मै हिन्दू राष्ट्र का लघु स्वरूप अपने आखो से देख रहा हूं।” डाक्टर साहब के निधन के बाद गुरुतर दायित्व निर्वहन करते हुए सरसंघचालक का दायित्व ग्रहण किया और 33 वर्ष सरसंघचालक रहे।
विभाग संघचालक ने बताया कि 1948 मे संघ पर लगा प्रतिबंध हटाने के बाद निर्णय लेना था कि संघ को राजनीति मे आना चाहिए या शाखा लगाना चाहिए। गुरू जी ने पाच दिन तक मंथन के बाद कहा कि संघ को शाखा लगाना चाहिए। शाखा ही हमारी केन्द्र है। इससे ही सब संभव है और आज पूरे विश्व मे संघ चर्चा मे है।
कहाकि आरएसएस का स्वरूप कृपा, अनुदान, अनुग्रह से नही, बल्कि त्याग समर्पण और, समय देने की आदत पर निर्भर करता है। यह संगठन अपरिहार्य है। यह परिस्थिति सापेक्ष उद्देश्य है, यह राजनीति सापेक्ष नही है।
विभाग संघचालक ने कहा कि जब जेएनयू दिल्ली मे पथ संचलन निकला, तो कम्यूनिस्टो ने कहा-जेएनयू संघ की शाखा नही है। जेएनयू मे “भारत तेरे टुकडे होगे, अफजल हम शर्मिन्दा है, तेरे कातिल जिन्दा है” के नारे लगने तो क्या उस समय जेएनयू सरकारी पैसे से नही बना था। कहाकि जिस जेएनयू के एक विद्यार्थी पर सात लाख व्यय होता है, वहा के विद्यार्थी भारत विरोधी उत्पन्न हो तो इससे बडी शर्मनाक बात क्या हो सकती है। आज आवश्यकता है ऐसी राष्ट्रविरोधी ताकतो को रोकने और समाज मे बैठे जयचंदो को ठोकने की, ताकि भारत अखंड हिन्दू राष्ट्र बनकर फिर से परं वैभव पर पहुच सके।
उद्बोधन के उपरांत घोष के साथ पथ संचलन लायंस स्कूल के खेल मैदान से निकलकर लालडिग्गी चौराहा, मुकेरी बाजार, बसनई बाजार से घंटाघर चौराहा होते हुए पेहटी चौराहा, तेलियागंज, मुकेरी बाजार, गणेशगंज के रास्ते पुनः लायंस स्कूल पहुचा। इस दौरान जगह जगह पुष्प वर्षा कर संचलन का जोरदार स्वागत किया।
इस अवसर पर विभाग प्रचारक प्रतोष जी, जिला प्रचारक धीरज जी, नगर प्रचारक राजेन्द्र जी प्रथम, विभाग कार्यवाह सच्चिदानंद जी, विभाग घोष प्रमुख नीलेश जी, सह विभाग संघचालक धर्मराज जी, जिला कार्यवाह चंद्रमोहन जी, सह जिला कार्यवाह एडवोकेट सुनील जी, विभाग घोष प्रमुख नीलेश जी, मिलन जी, जिला शारीरिक शिक्षण प्रमुख मनोज जी, नगर कार्यवाह लखन जी, प्रचार प्रमुख विमलेश जी, चेयरमैन श्यामसुंदर केशरी, पूर्व चेयरमैन मनोज जायसवाल, लायंस स्कूल के प्रबंधक विश्वनाथ अग्रवाल जी, नगर शारीरिक प्रमुख अखिलेश जी, सह व्यवस्था प्रमुख प्रदीप जी, नगर बौद्धिक प्रमुख गुंजन जी, संजय सेठ जी, शैलेष जी, सौरभ जी समेत भारी संख्या मे नगर के स्वयंसेवकगण मौजूद रहे। संचालन एवं मंच परिचय नगर कार्यवाह लखन जी ने कराया।